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मध्य प्रदेश की इन विभूतियों को मिला पद्मश्री सम्मान, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी बधाई
Bhopal

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में वर्ष 2025 के पद्म पुरस्कार प्रदान किए। इस वर्ष कला, चिकित्सा, विज्ञान, खेल और सामाजिक कार्य जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली 71 विभूतियों को सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश से दो प्रतिष्ठित हस्तियों — लोकगायक भेरूसिंह चौहान और उद्योग क्षेत्र की अग्रणी शालिनी देवी होलकर — को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोनों विभूतियों को हार्दिक बधाई दी और कहा कि उनके योगदान से पूरा मध्य प्रदेश गौरवान्वित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, "आप दोनों ने अपने सतत परिश्रम, साधना और सेवा भावना से ऐसे प्रतिमान स्थापित किए हैं, जो सभी को रचनात्मकता, राष्ट्रभक्ति और जनसेवा की प्रेरणा देंगे।"
भेरूसिंह चौहान: निर्गुण गायन की अमूल्य धरोहर
मालवा अंचल के सुप्रसिद्ध लोकगायक भेरूसिंह चौहान को कला के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इंदौर जिले के महू तहसील स्थित बजरंगपुरा गांव के निवासी भेरूसिंह चौहान पिछले पांच दशकों से निर्गुण गायन परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं। उन्होंने कबीर, गोरखनाथ, ब्रह्मानंद, मीरा बाई और दादू जैसे संत कवियों की वाणी को अपनी गायकी के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया है। उनके पिता मादू चौहान भी प्रतिष्ठित कबीर गायक थे, जिनकी विरासत को भेरूसिंह ने आगे बढ़ाया है।
शालिनी देवी होलकर: हथकरघा उद्योग की पुनर्संस्थापक
व्यापार और उद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए शालिनी देवी होलकर को पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया। होलकर राजघराने की बहू शालिनी देवी ने महेश्वर की ऐतिहासिक महेश्वरी साड़ी परंपरा को पुनर्जीवित कर हजारों महिला बुनकरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। वर्ष 2006 में उन्होंने 'गुड़ी मुड़ी केंद्र' की स्थापना की, जो आज महेश्वर में बुनकर समुदाय के लिए आजीविका का प्रमुख स्रोत बन चुका है। उनके प्रयासों से 300 वर्षों पुरानी महेश्वरी हथकरघा परंपरा को एक नया जीवन मिला है।
71 विभूतियों को मिला सम्मान
राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस सम्मान समारोह में खेल, चिकित्सा, विज्ञान, कला और सामाजिक कार्य जैसे क्षेत्रों में भारत का गौरव बढ़ाने वाले 71 विशिष्ट व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया। इसमें मध्य प्रदेश से भेरूसिंह चौहान और शालिनी देवी होलकर का चयन प्रदेश के लिए गर्व का विषय रहा।