- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- मंडला में मूसलाधार बारिश से तबाही: जगनाथर में बाढ़ में फंसे 20 लोग रेस्क्यू, नर्मदा खतरे के निशान से...
मंडला में मूसलाधार बारिश से तबाही: जगनाथर में बाढ़ में फंसे 20 लोग रेस्क्यू, नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर
Mandla, MP
.jpg)
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में सोमवार शाम से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
तेज बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जबकि कई घरों और दुकानों में पानी घुसने से लोग रातभर परेशान रहे।
गांव में फंसे 20 लोग, रेस्क्यू कर पहुंचाया गया सुरक्षित स्थान पर
ग्राम जगनाथर में बाढ़ के पानी में फंसे 20 लोगों को एसडीईआरएफ (SDERF) की टीम ने देर रात रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। नर्मदा का जलस्तर मंगलवार सुबह 438.10 मीटर दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से ऊपर है।
शहर जलमग्न, घरों और दुकानों में घुसा पानी
मंडला शहर के कलेक्टोरेट कॉलोनी, सुभाष वार्ड और भगतसिंह वार्ड सबसे अधिक प्रभावित रहे। कई घरों में पानी भर गया। जल निकासी की व्यवस्था बाधित होने से लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ी। चिलमन चौक स्थित होटल पैराडाइज के नीचे की दुकानें और रेडक्रॉस भवन के आसपास के क्षेत्र जलभराव से प्रभावित हुए।
पुलों पर बह रहा पानी, घाटों तक पहुंचा नदी का जल
माहिष्मती घाट का छोटा पुल पूरी तरह जलमग्न हो गया, जिसके ऊपर करीब 1.5 मीटर पानी बह रहा है। झूला पुल के नीचे के घाट और वहां स्थित मंदिरों तक भी पानी पहुंच गया है।
सोशल मीडिया पर फूटा नागरिकों का गुस्सा
स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया। लोगों का कहना है कि हर साल यही स्थिति बनती है लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। नालों की सफाई और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से हालात बिगड़े।
बारिश के आंकड़े चौंकाने वाले, सामान्य से दोगुनी वर्षा
जिले में 1 जून से 8 जुलाई तक कुल 792.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले साल की इसी अवधि में हुई 340.4 मिमी बारिश से कहीं अधिक है। नैनपुर (126.4 मिमी) और मंडला (124.4 मिमी) में सर्वाधिक वर्षा हुई है।
प्रशासन की सतर्कता और अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूरी बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। रेस्क्यू और राहत कार्य जारी हैं, और हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।