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गुना में स्मार्ट मीटर के खिलाफ उबाल: एक बल्ब-पंखे पर 28 हजार का बिल, उपभोक्ता बोले- अंधेरे में जीना आसान
Guna, MP

स्मार्ट मीटर और बिजली के निजीकरण के खिलाफ मंगलवार को ऑल इंडिया बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन के नेतृत्व में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए।
विरोध-प्रदर्शन कर कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली गई और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर तत्काल स्मार्ट मीटर योजना रद्द करने की मांग की गई।
बिल 137 से 13 हजार और 200 से 37 हजार तक पहुंचा
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली के बिल अन्यायपूर्ण ढंग से कई गुना तक बढ़ गए हैं।
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अभिषेक सेन, लक्ष्मीनगर निवासी, का बिल 137 रुपये से सीधे 13 हजार रुपये हो गया।
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कुलदीप ओझा का बिल 200 से 37 हजार तक पहुंच गया।
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वहीं, पिपरोदा गांव की एक महिला ने बताया कि एक बल्ब और एक पंखा चलाने के बावजूद 28 हजार रुपये का बिल आया।
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ब्रजबिहार कॉलोनी में एक उपभोक्ता का बिल 4.90 लाख रुपये तक पहुंच गया।
बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटरों पर उठे सवाल
प्रदर्शन में शामिल ऑल इंडिया बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन के मनीष श्रीवास्तव ने कहा,
“सरकार बिजली को नागरिक अधिकार बताती है, लेकिन निजी कंपनियों के हाथों सौंपकर आम जनता के अंधेरे में धकेल रही है। स्मार्ट मीटर केवल बिल बढ़ाने का हथियार बन गए हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिजली कंपनियों को पुलिस थाने जैसे अधिकार दिए जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है।
30 से ज्यादा कॉलोनियों से जुड़े लोग, आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन देने पहुंचे लोगों में शहर की लगभग 30 कॉलोनियों के निवासी शामिल थे।
महिलाओं की भी बड़ी भागीदारी रही, जिन्होंने रोते हुए बताया कि उनकी कमाई बिजली के बिल भरने में ही खत्म हो रही है।
उन्होंने कहा कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आने वाले दिनों में जिला स्तर पर उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
सवाल सरकार से: क्या यह स्मार्ट सिस्टम या शोषण तंत्र है?
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार का स्मार्ट मीटर सिस्टम पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी होना चाहिए, लेकिन वर्तमान प्रणाली में जवाबदेही की कमी और बिल निर्धारण में भारी असमानता दिख रही है।