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21 अंडों से निकले अजगर, पहाड़ पर छोड़े गए: रायगढ़ एनिमल सेवा समिति ने खेत से किए थे रेस्क्यू
Raigarh, CG

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ननसियां गांव में अजगर के 21 अंडों से बच्चे निकलने के बाद उन्हें सुरक्षित रूप से प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।
यह पूरा ऑपरेशन रायगढ़ एनिमल सेवा समिति द्वारा किया गया, जिसने पहले बड़े अजगर और उसके अंडों का रेस्क्यू किया था। अब सभी अजगर के बच्चे सुरक्षित पहाड़ के नीचे छोड़े जा चुके हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
7 जून को हुआ था बड़ा रेस्क्यू
7 जून को गांव के एक किसान के गोठान (गाय कोठा) में 12 फीट लंबा एक अजगर दिखाई दिया था। इसकी सूचना एनिमल सेवा समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह को दी गई। उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर अजगर को रेस्क्यू कर पास के तालाब में छोड़ दिया।
रेस्क्यू के दौरान टीम को वहां 21 अंडे भी मिले, जिन्हें उन्होंने भूसे में सुरक्षित रखते हुए निगरानी में रखा। इन अंडों से 45 से 90 दिनों में बच्चे निकल सकते हैं—ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया को समझते हुए टीम ने उन्हें वहीं सुरक्षित स्थान पर छोड़ा और नियमित निरीक्षण करती रही।
अंडों से निकले सभी 21 अजगर
सोमवार को निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि अंडों में दरारें आ चुकी हैं और अजगर के बच्चे बाहर आने लगे हैं। अगले दिन सभी 21 अजगर के बच्चे पूरी तरह बाहर आ चुके थे और पूरी तरह स्वस्थ थे। सभी को गिनती के बाद एक-एक कर पास के पहाड़ी क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
धर्मेंद्र सिंह ने बताया, “सभी अंडों से एक-एक अजगर बच्चा निकला, यानी कोई भी अंडा खराब नहीं हुआ। यह जैव विविधता संरक्षण का एक सकारात्मक उदाहरण है।”
इलाके में और अजगरों की संभावना
समिति के सदस्यों का मानना है कि जहां अंडे मिले थे, वह क्षेत्र अजगरों के प्राकृतिक आवास के अनुकूल है। संभावना है कि वहां 2-3 और वयस्क अजगर मौजूद हो सकते हैं। समिति की टीम ने आसपास भी निरीक्षण शुरू कर दिया है।
जागरूकता और सहयोग की अपील
एनिमल सेवा समिति ने लोगों से अपील की है कि वे सांपों को देखकर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत उन्हें सूचना दें ताकि सुरक्षित रेस्क्यू और संरक्षण किया जा सके। समिति ने यह भी बताया कि सांपों को मारना वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत अपराध है।