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बाल संप्रेषण गृह में नाबालिग से अप्राकृतिक यौन शोषण: परिवीक्षा अधिकारी गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज
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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित बाल संप्रेषण गृह से एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां एक परिवीक्षा अधिकारी रामकुमार सूर्यवंशी पर एक नाबालिग अपचारी बालक के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगा है।
पीड़ित नाबालिग हत्या के आरोप में पिछले 35 महीने से बंद है। आरोपी अधिकारी ने भाई से मिलवाने का झांसा देकर यौन शोषण किया।
न्यायालय जांच टीम के सामने फूटा दर्द
घटना का खुलासा उस समय हुआ जब न्यायालय द्वारा गठित परीक्षण टीम नियमित निरीक्षण के लिए बाल संप्रेषण गृह पहुंची। निरीक्षण के दौरान नाबालिग ने टीम के समक्ष अपनी आपबीती बताई, जिसके बाद टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पुलगांव थाना पुलिस को सूचना दी।
भाई से मिलाने के नाम पर रची गई थी साजिश
नाबालिग ने बताया कि आरोपी अधिकारी रामकुमार सूर्यवंशी ने कहा था कि वह उसे उसके भाई से मिलवाएगा, इसी बहाने उसे अपने पास बुलाकर अप्राकृतिक यौन शोषण किया। जांच में ये आरोप सही पाए गए।
CSP बोले- घटना की पुष्टि, आरोपी गिरफ्तार
CSP अलेक्जेंडर किरो ने बताया कि तीन दिन पहले यह मामला न्यायालय के संज्ञान में लाया गया था। न्यायिक निर्देश के तहत जांच की गई और शिकायत सही पाई गई। इसके बाद रामकुमार सूर्यवंशी को गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
कोर्ट में पेश कर भेजा गया जेल
पुलिस ने आरोपी अधिकारी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, पीड़ित नाबालिग दुर्ग जिले के बाल संप्रेषण गृह में हत्या के मामले में बंद है और वह दूसरे जिले का निवासी है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। बाल संप्रेषण गृह जैसे संरक्षित स्थानों में इस तरह की घटनाएं पूरे सुधार तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर करती हैं।