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झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन, रांची में होगा अंतिम संस्कार; राष्ट्रपति और पीएम ने दी श्रद्धांजलि
Jagran Desk

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संरक्षक शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और पिछले एक महीने से लाइफ सपोर्ट पर थे।
शिबू सोरेन को ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह किडनी की बीमारी, डायबिटीज और दिल की सर्जरी से भी जूझ रहे थे।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
उनका पार्थिव शरीर सोमवार शाम दिल्ली से रांची लाया गया। मंगलवार को दोपहर 12 बजे उनका अंतिम संस्कार रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में किया जाएगा। छोटे बेटे बसंत सोरेन उन्हें मुखाग्नि देंगे। झारखंड सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
राष्ट्रपति-पद्मनाभ मोदी ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी सहित कई राष्ट्रीय नेता गंगाराम अस्पताल पहुंचे। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की तमाम हस्तियों ने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी।
संघर्षों से भरा जीवन, राजनीति में मजबूत पहचान
11 जनवरी 1944 को झारखंड के नेमरा गांव में जन्मे शिबू सोरेन ने बचपन में ही अपने पिता को महाजनों द्वारा मारे जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाया। उन्हें ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता था। वे JMM के संस्थापक नेताओं में से एक थे।
मुख्यमंत्री रहते बार-बार अस्थिरता झेली
शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कोई भी कार्यकाल स्थायी नहीं रहा:
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पहली बार 2005 में 10 दिनों तक
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दूसरी बार 2008 में 5 महीने तक
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तीसरी बार 2009 में 5 महीने तक
2009 में तमाड़ उपचुनाव हारने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
कोयला मंत्री के पद से देना पड़ा इस्तीफा
यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में शिबू सोरेन को कोयला मंत्री बनाया गया था, लेकिन चिरूडीह हत्याकांड में नाम आने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देना पड़ा।