SC ने राहुल गांधी से पूछा- "कैसे साबित हुआ चीन ने जमीन हड़पी?" कोर्ट की सख्ती: "सच्चे भारतीय होते तो ऐसा बयान नहीं देते"

Jagran Desk

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चीन के भारत की ज़मीन पर कब्जे को लेकर दिए गए बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

 कोर्ट ने सोमवार को पूछा कि राहुल गांधी को कैसे यह जानकारी मिली कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय ज़मीन पर कब्जा कर लिया है? साथ ही कोर्ट ने उनकी "भारतीय सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी" को अनुचित ठहराते हुए कहा कि अगर वे सच में देशभक्त होते, तो ऐसी बात सार्वजनिक मंचों पर नहीं कहते।

“जानकारी की पुष्टि कहां से हुई?” कोर्ट का सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, “जब सीमा पर तनाव और संघर्ष चल रहा हो, तो क्या ऐसे वक्त में इस तरह की बातें सार्वजनिक रूप से करना उचित है?” कोर्ट ने राहुल गांधी से यह भी कहा कि वे विपक्ष के नेता हैं, इसलिए उन्हें संसद में सवाल पूछने चाहिए, सोशल मीडिया पर नहीं।

हालांकि, इसी मामले में लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

विवाद की पृष्ठभूमि: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिया था बयान

16 दिसंबर 2022 को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि चीन ने 2,000 वर्ग किमी भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया है, 20 भारतीय सैनिक मारे गए और अरुणाचल में हमारे सैनिकों को पीटा जा रहा है। इस बयान के खिलाफ लखनऊ में पूर्व ब्रॉडर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने मानहानि का केस दर्ज कराया था।

29 मई 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी और समन जारी किया गया था। गांधी ने इस समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, 4 हजार किमी जमीन कब्जे का दावा

3 अप्रैल 2025 को संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि चीन ने भारत की 4,000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिस्री की चीनी राजदूत के साथ तस्वीरों पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि "जब हमारी ज़मीन छीनी जा रही है, तब यह दोस्ताना व्यवहार ठीक नहीं।"

राहुल ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तरफ से चीनी राजदूत को चिट्ठी भेजी गई है और इसकी जानकारी उन्हें किसी तीसरे व्यक्ति से मिली।

गलवान संघर्ष की पृष्ठभूमि

राहुल गांधी के आरोपों का आधार गलवान घाटी में 2020 की हिंसक झड़प है। 15 जून 2020 को लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। भारत की जवाबी कार्रवाई में चीन के करीब 40 सैनिक मारे गए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और तनाव बना हुआ है।

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