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ओडिया से असमिया तक—11 भाषाओं में गूंजी पीएम मोदी की ‘मन की बात’, AI तकनीक ने जोड़ा देशभर को एक सूत्र में
Digital Desk
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण में देशवासियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं और राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर इसके अमर संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का आह्वान किया।
इस बार की ‘मन की बात’ खास रही, क्योंकि इसे AI तकनीक की मदद से 11 भारतीय भाषाओं — ओडिया, मलयालम, मराठी, असमिया, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, अंग्रेजी और हिंदी — में एक साथ प्रसारित किया गया। यह पहल न केवल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करती है बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत किस तरह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक राष्ट्रगीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और अस्मिता का प्रतीक है। उन्होंने आग्रह किया कि देशवासी इसके मूल्यों को भावी पीढ़ी तक पहुंचाएं और भारत की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखें।
प्रधानमंत्री ने BSF और CRPF में स्वदेशी नस्ल के कुत्तों की भूमिका का भी विशेष उल्लेख किया और कहा कि इन ‘देशी वीरों’ ने सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी अदम्य निष्ठा और साहस से मिसाल कायम की है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संस्कृत जैसी प्राचीन भाषा को नया जीवन मिला है। देश के युवा अब रील्स और वीडियो के जरिए संस्कृत में संवाद कर रहे हैं, जिससे यह भाषा आधुनिक समय में नई ऊर्जा प्राप्त कर रही है।
सरकार द्वारा ‘मन की बात’ को मल्टी-लिंगुअल AI तकनीक से प्रसारित करने की पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि यह उस नए भारत की झलक भी दिखाती है जो परंपरा और नवाचार — दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।
