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EPFO हाई पेंशन स्कीम में बड़ा झटका: 15 लाख में से 11 लाख आवेदन खारिज, कर्मचारियों में गहराया असंतोष
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की हाई पेंशन स्कीम को लेकर देशभर के लाखों कर्मचारियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
सरकार ने राज्यसभा में बताया कि इस योजना के तहत आए कुल 15.24 लाख आवेदनों में से 11 लाख से ज्यादा आवेदन खारिज कर दिए गए हैं। इससे न सिर्फ आवेदनकर्ताओं में भारी नाराजगी है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल भी उठ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जगी थी उम्मीद
यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू की गई थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि वे कर्मचारी जो 1 सितंबर 2014 से पहले EPF से जुड़े थे और सेवा में बने रहे, वे अपनी पूरी सैलरी के आधार पर EPS पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं।
इस फैसले ने EPS-95 पेंशनर्स और मौजूदा कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगाई थी, क्योंकि पहले यह सीमा ₹15,000 की सैलरी तक सीमित थी। फैसले के बाद EPFO ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी।
आंकड़ों की स्थिति: पास सिर्फ 4 लाख, प्रोसेस में 22 हजार
केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया कि अब तक प्राप्त 15.24 लाख आवेदनों में से 98.5% की प्रोसेसिंग पूरी हो चुकी है। लेकिन इनमें से केवल 4 लाख आवेदन ही स्वीकृत किए गए हैं, जबकि 11 लाख से अधिक को खारिज कर दिया गया है।
करीब 21,995 आवेदन अभी प्रक्रिया में हैं, और सबसे ज्यादा रिजेक्शन चेन्नई व पुडुचेरी क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं, जहां अकेले 63,026 आवेदन खारिज हुए।
क्यों खारिज हुए इतने आवेदन?
सरकार ने अब तक यह नहीं बताया है कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों को खारिज करने की वजह क्या रही। ना तो स्पष्ट गाइडलाइन दी गई, ना ही रिजेक्शन के मानदंड सार्वजनिक किए गए। इससे प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
संभावना है कि अधिकांश रिजेक्शन के पीछे दस्तावेजों में कमी, डेटा की गड़बड़ी या पात्रता से जुड़ी शर्तों की गलत समझ हो सकती है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कौन ले सकता है हाई पेंशन का लाभ?
EPFO की इस हाई पेंशन स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा:
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जिन्होंने 1 सितंबर 2014 से पहले EPF जॉइन किया हो
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जो वर्तमान में कार्यरत हों या रिटायर हो चुके हों
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जिन्होंने EPS में पूरी सैलरी के आधार पर योगदान देने का विकल्प चुना हो, या अब उसे चुनना चाहते हों
इस स्कीम के तहत कर्मचारी की पेंशन सेवा अवधि और कुल योगदान के आधार पर तय होती है, जिससे उन्हें सामान्य EPS पेंशन से कहीं अधिक राशि मिल सकती है।
EPS-95 स्कीम क्या है?
Employees’ Pension Scheme-1995 (EPS-95), EPFO के तहत एक अनिवार्य पेंशन योजना है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन देती है। परंपरागत रूप से यह योजना ₹15,000 की अधिकतम सैलरी सीमा पर आधारित थी, जो वर्षों से कर्मचारियों के असंतोष का कारण रही। SC के निर्देश के बाद EPFO को स्कीम में लचीलापन लाना पड़ा।
कर्मचारी संगठनों में नाराजगी
इतनी बड़ी संख्या में आवेदन खारिज होने पर कर्मचारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने कड़ी नाराजगी जताई है। वे EPFO से पारदर्शिता, पुन: आवेदन का विकल्प, और रिजेक्शन का कारण स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं।
EPFO की हाई पेंशन स्कीम में इतने बड़े पैमाने पर आवेदनों का खारिज होना सरकार और EPFO की नीति और प्रक्रिया पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जिस राहत की उम्मीद थी, वह अब निराशा और असंतोष में बदलती जा रही है।
कर्मचारियों को यह जानने का अधिकार है कि उन्हें क्यों बाहर किया गया — ताकि उन्हें सुधार का एक और अवसर मिल सके।