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GST दरें घटीं: सरकार को होगा 3,700 करोड़ का नुकसान, लेकिन उपभोक्ताओं को राहत
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, GST दरों में कटौती और ढांचे में सुधार से सरकार को कम से कम 3,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। वहीं सरकार का अनुमान है कि इसका वार्षिक प्रभाव करीब 48,000 करोड़ रुपये तक होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नुकसान बहुत बड़ा नहीं होगा क्योंकि उपभोग और विकास की रफ्तार बढ़ने से राजकोषीय घाटे पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ेगा।
नया ढांचा और दरें
हाल ही में हुई 56वीं GST परिषद की बैठक में चार-स्तरीय ढांचे को घटाकर दो स्तरों पर लाने का निर्णय हुआ है।
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मानक दरें: 18% और 5%
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चुनिंदा वस्तुएं/सेवाएं: 40% अवगुण दर
इस बदलाव से टैक्स प्रणाली सरल होगी और कारोबारियों के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी।
CPI और रोजमर्रा की चीजों पर असर
रिपोर्ट बताती है कि करीब 295 आवश्यक वस्तुओं पर कर 12% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है। इससे चालू वित्त वर्ष (2025-26) में महंगाई (CPI आधारित) 0.25% से 0.30% तक घट सकती है। रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम पड़ेगा।
उद्योग और बैंकिंग क्षेत्र को फायदा
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सुधार से—
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उद्योग जगत में लागत कम होगी,
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व्यापार सुगमता बढ़ेगी,
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बैंकिंग सेक्टर पर सकारात्मक असर दिखेगा।
दीर्घकालिक प्रभाव
SBI का अनुमान है कि 2026-27 तक CPI आधारित मुद्रास्फीति 0.65% से 0.75% तक नियंत्रित रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास की दिशा में मजबूत कदम है।