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लाल ईंट निर्माताओं का सरकार पर हमला: जीएसटी दर न घटाए जाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
नई दिल्ली

भारत में हर व्यक्ति के लिए अपना घर बनाना एक महत्वपूर्ण सपना है। परंतु देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का प्रमुख स्त्रोत और सस्ती निर्माण सामग्री के रूप में कार्य करने वाले लाल ईंट उद्योग को अब गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतीय ईंट व टाइल निर्माता महासंघ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ईंटों पर 12% जीएसटी दर और कोयले पर 18% कर लागू रहने के कारण यह उद्योग आर्थिक रूप से संकट में है।
महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री मुरारी कुमार “मन्नू” ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वर्ष 2017 में लागू कम्पोजीशन स्कीम को मार्च 2022 में समाप्त कर दिया गया था, जिससे छोटे व मध्यम ईंट भट्टा संचालकों पर भारी बोझ आ गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमेंट जैसे निर्माण सामग्री पर तो कर दरें घटाई जा रही हैं, लेकिन लाल ईंट निर्माताओं को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
मन्नू ने कहा, “ईंट भट्ठा एक ग्रामीण मौसमी उद्योग है, जिसमें हर वर्ष करीब 3 करोड़ लोग रोजगार पाते हैं। सरकार की वर्तमान नीतियों से यह उद्योग बंद होने के कगार पर है। यदि तत्काल राहत नहीं दी गई तो लाखों लोग बेरोजगार होंगे और आम जनता के लिए घर बनाना महंगा हो जाएगा।”
महासंघ ने यह भी बताया कि पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशानुसार पूरे देश के भट्ठों को ज़िग-ज़ैग तकनीक में बदला गया, जिसमें प्रति भट्ठा लगभग 50 लाख रुपये का निवेश हुआ, लेकिन सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली। नतीजतन, उत्पादन लागत बढ़ने के कारण ईंट की कीमतें भी बढ़ गई हैं।
इस कड़ी में महासंघ ने सरकार से मांग की है कि 1–50 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले ईंट निर्माताओं को पुनः कम्पोजीशन स्कीम में शामिल किया जाए। साथ ही, जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% किया जाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा दी जाए। वे चाहते हैं कि मौजूदा 6% व 12% की दरें समाप्त कर केवल 1% कर दर लागू की जाए ताकि छोटे-छोटे भट्ठा संचालक और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार प्रभावित न हो।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर सिंह भाटी ने भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए तो प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा और घर बनाने की लागत और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल खुद के हित की लड़ाई है, बल्कि पूरे देश के नागरिकों को घर दिलाने की दिशा में बाधाएं दूर करना है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महासंघ के अन्य पदाधिकारी जैसे हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष डॉ० अजीत यादव, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बृज मोहन गुप्ता, उत्तरांचल से नरेश त्यागी, सतेन्द्र सिंह व खुशीराम गोयल मौजूद रहे। उन्होंने सरकार से जल्द कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।
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