- Hindi News
- धर्म
- सावन में शनिवार: शनि दोष, दरिद्रता और रोगों से मुक्ति पाने के लिए करें ये 7 विशेष उपाय
सावन में शनिवार: शनि दोष, दरिद्रता और रोगों से मुक्ति पाने के लिए करें ये 7 विशेष उपाय
DHARAM DESK

सावन माह शिव भक्ति का सर्वोत्तम काल माना जाता है। लेकिन जब सावन का शनिवार आ जाए, तो यह और भी विशेष हो जाता है।
क्योंकि शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है, और सावन शिव को। दोनों की कृपा एक साथ पाने का यह दुर्लभ संयोग जीवन की अनेक बाधाओं को समाप्त कर सकता है।
यदि शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या जन्मपत्री में शनि अशुभ फल दे रहा है, तो सावन में शनिवार को किए गए उपाय शीघ्र फलदायक होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 7 उपाय, जो शनि दोष को शांत कर आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति दिला सकते हैं:
1. पीपल के वृक्ष का पूजन करें
शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जप करें।
2. शिवलिंग पर काले तिल और जल अर्पित करें
सावन में शिवलिंग पर जल अर्पण के साथ काले तिल भी अर्पित करें। यह शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
3. काले वस्त्र और छाता दान करें
शनिवार को जरूरतमंद को काले कपड़े, चप्पल या छाता दान करने से शनि की प्रसन्नता मिलती है और दुर्भाग्य दूर होता है।
4. शनि मंत्रों का जप करें
शनि के बीज मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" या नवग्रह मंत्रों का 108 बार जप करना अत्यंत शुभ माना गया है।
5. भोग में तिल और गुड़ का प्रयोग करें
शनिवार को शिवजी को तिल व गुड़ से बने लड्डू या चूरमा का भोग लगाएं। इसके बाद यह प्रसाद ज़रूरतमंदों में बांट दें।
6. नीलम या हकीक पत्थर धारण करें
जिनकी कुंडली में शनि पीड़ा दे रहा हो, वे सावन के शनिवार को योग्य पंडित से परामर्श कर नीलम या काले हकीक पत्थर धारण कर सकते हैं।
7. कुत्तों को रोटी और तिल का तेल लगी पूड़ी खिलाएं
शनिवार को विशेष रूप से काले कुत्ते को सरसों के तेल लगी रोटी या पूड़ी खिलाना शनि दोष शांति का अत्यंत प्रभावशाली उपाय है।
विशेष मंत्र:
"ॐ नमः शिवाय शं शनैश्चराय नमः"
इस संयुक्त मंत्र का जप सावन के शनिवार को करने से शिव और शनि दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
सावन का शनिवार दुर्लभ संयोग होता है, जिसमें शिव और शनि दोनों की आराधना विशेष फलदायक होती है। इन उपायों को श्रद्धा और नियमपूर्वक करें, और अपने जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का अनुभव करें।