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रक्षाबंधन 2025: भद्रा नहीं, राहुकाल बनेगा रोड़ा – जानें शुभ मुहूर्त और बचाव के उपाय
Dharm desk

रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के प्रेम का पवित्र त्योहार है, इस वर्ष 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी लोग राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर सतर्क हैं।
राहत की बात यह है कि इस बार भद्राकाल का साया नहीं रहेगा, लेकिन एक अन्य अशुभ समय राहुकाल ज़रूर रहेगा, जिसे लेकर सावधानी बरतनी होगी।
राहुकाल कब रहेगा रक्षाबंधन पर?
इस साल रक्षाबंधन पर राहुकाल सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए, ऐसे में राखी बांधने की प्रक्रिया को इस अवधि में करने से परहेज करें।
राहुकाल: क्या है इसका महत्व?
राहुकाल एक ऐसा समय होता है जो प्रतिदिन करीब 90 मिनट तक सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच रहता है। यह समय छाया ग्रह राहु से जुड़ा होता है और इसे नकारात्मक ऊर्जा, भ्रम, बाधाओं और विघ्नों का प्रतिनिधि माना जाता है। इस काल में शुरू किए गए कामों में रुकावटें आने की संभावना बढ़ जाती है।
राहुकाल में क्या नहीं करना चाहिए?
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विवाह, सगाई या कोई भी नया शुभ कार्य
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घर की पूजा, यज्ञ या हवन
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यात्रा की शुरुआत
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धन संबंधित लेन-देन
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नया व्यवसाय या खरीदारी
राहुकाल में क्या किया जा सकता है?
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ध्यान, साधना और मंत्र जाप
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भगवान शिव, देवी दुर्गा और काल भैरव की पूजा
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अध्ययन या लेखन कार्य
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यदि यात्रा ज़रूरी हो तो कुछ मीठा, दही या पान खाकर निकलना शुभ माना जाता है
राहुकाल में किनकी पूजा करें?
राहुकाल के दौरान भगवान शिव, देवी दुर्गा और काल भैरव की पूजा करने से राहु के दोषों का प्रभाव कम हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि इनकी आराधना से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।