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आज का पंचांग (26 अप्रैल 2025): मासिक शिवरात्रि पर करें शिव पूजन, त्रयोदशी तिथि पर विशेष योग
Dharm Desk

आज शनिवार, 26 अप्रैल 2025 को वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।
यह तिथि विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है, क्योंकि आज मासिक शिवरात्रि भी है। इस दिन नंदी—भगवान शिव के वाहन—का भी विशेष अधिकार होता है। प्राचीन मान्यता है कि इस तिथि पर ध्यान, साधना और प्रायश्चित करने से पुराने पापों से मुक्ति मिलती है।
26 अप्रैल 2025 का पंचांग
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विक्रम संवत: 2081
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मास: वैशाख
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पक्ष: कृष्ण पक्ष
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तिथि: त्रयोदशी
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दिन: शनिवार
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योग: वैधृति
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नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद
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करण: वणिज
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चंद्र राशि: मीन
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सूर्य राशि: मेष
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सूर्योदय: प्रातः 06:10 बजे
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सूर्यास्त: सायं 07:04 बजे
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चंद्रोदय: 27 अप्रैल को सुबह 5:03 बजे
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चंद्रास्त: आज शाम 5:24 बजे
आज का राहुकाल और वर्जित समय
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राहुकाल: प्रातः 09:24 से 11:00 बजे तक
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यमगंड: दोपहर 14:14 से 15:51 बजे तक
इन अशुभ समयों के दौरान कोई भी नया कार्य, यात्रा या शुभ आरंभ करना वर्जित माना गया है।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव
आज चंद्रमा मीन राशि में स्थित होकर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में विचरण कर रहा है, जो 3°20' से 16°40' तक फैला होता है। इस नक्षत्र के अधिदेवता नाग देवता अहिर्बुध्न्य हैं और इसके स्वामी ग्रह शनि माने जाते हैं।
यह नक्षत्र निम्न कार्यों के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है:
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कुएं या जलस्रोत खोदना
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भवन निर्माण की नींव डालना
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धार्मिक अनुष्ठान एवं प्रायश्चित
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वृक्षारोपण
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राज्याभिषेक
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भूमि की खरीद
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बीजारोपण
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मंदिर निर्माण
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विवाह एवं मांगलिक कार्य
मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की आराधना करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। व्रत, रात्रि जागरण और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित कर शिव कृपा प्राप्त की जा सकती है। त्रयोदशी तिथि शिवभक्तों के लिए मोक्ष का द्वार खोलती है।