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भोपाल में लव जिहाद का उलटा चेहरा: नीलोफर ने बनाया ‘श्रद्धा’ का जाल, शादी के बाद धर्म बदलवाने की साजिश
Satyakatha

मुस्लिम महिला ने बदला नाम, हिंदू युवक से की शादी – अब कर रही जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव, तीन बच्चों की मां निकली
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लव जिहाद का एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने समाज में छिपे कई खतरनाक पहलुओं को उजागर कर दिया है। इस बार मामला उल्टा है। आमतौर पर लव जिहाद की कहानियों में हिंदू लड़कियां शिकार होती हैं, लेकिन इस बार एक हिंदू युवक को शिकार बनाया गया। जिस महिला को वह श्रेया समझकर प्रेम कर बैठा, वह असल में तीन बच्चों की मां नीलोफर निकली।
श्रद्धा नहीं, छल था ‘श्रेया’ का प्यार
नर्मदापुरम निवासी शेखर सिलावट, जो भोपाल के योजना बिहार चाणक्यपुरी में रहते हैं और एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं, ने पुलिस थाने में आवेदन देकर पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। शेखर की मुलाकात कॉलोनी में रहने वाली ‘श्रेया’ नाम की युवती से हुई थी। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। सोशल मीडिया पर भी उसकी पहचान ‘श्रेया’ के नाम से ही थी – फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रोफाइल, बातचीत और व्यवहार सब कुछ सामान्य और भरोसेमंद लग रहा था।
ब्लैकमेलिंग का खेल: ब्लेड, फांसी की तस्वीरें और धमकियां
शेखर के मुताबिक, वर्ष 2021-22 से ही ‘श्रेया’ उस पर शादी का दबाव बना रही थी। जब उसने इनकार किया तो युवती ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। उसने ब्लेड और फांसी के फंदे की तस्वीरें भेजकर आत्महत्या करने और झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी दी।
“उसने कहा, शादी नहीं की तो मैं मर जाऊंगी और तुम्हारा नाम सुसाइड नोट में लिख दूंगी,” शेखर ने पुलिस को बताया। भयभीत होकर शेखर ने 6 मई 2025 को एक मंदिर में हार-फूल की माला डालकर प्रतीकात्मक रूप से विवाह कर लिया।
सच सामने आया: श्रेया नहीं, नीलोफर है नाम – तीन बच्चों की मां
मंदिर विवाह के कुछ दिनों बाद ही शेखर को हकीकत का पता चला। उसे जानकारी मिली कि जिसे वह ‘श्रेया’ समझ रहा था, वह असल में मुस्लिम महिला ‘नीलोफर’ है। नीलोफर की पहले शादी हो चुकी है और उसके तीन बच्चे भी हैं। यह सारी सच्चाई उसने शेखर से छिपाई थी।
अब नीलोफर शेखर पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रही है। वह चाहती है कि शेखर इस्लाम कबूल करे और उसके बच्चों को अपने नाम से पहचान दे। इतना ही नहीं, नीलोफर ने एक फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखा है, जिसमें उसका नाम ‘श्रेया सिलावट’ दर्शाया गया है।
धमकी और हिंसा का खौफनाक मोड़: अपहरण और मारपीट
मामला यहीं नहीं रुका। 18 मई की रात को नीलोफर 8 से 10 गुंडों के साथ शेखर के घर पहुंच गई। वहां से उसका और उसके भाई का अपहरण कर लिया गया। उन्हें भानपुर ब्रिज के नीचे ले जाकर बेरहमी से पीटा गया और उनके मोबाइल भी छीन लिए गए।
गुंडों ने धमकी दी –
“तुम्हें अभी मुस्लिम धर्म अपनाकर नीलोफर से मुस्लिम रीति से शादी करनी होगी, और उसके बच्चों का बाप बनना पड़ेगा।”
किसी तरह जान बचाकर शेखर और उसका भाई आरोपियों के चंगुल से निकलने में कामयाब रहे और सीधे थाने पहुंचकर आवेदन दिया।
पुलिस जांच में जुटी, कई बड़े खुलासों की उम्मीद
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है। नीलोफर और उसके साथियों की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल धोखाधड़ी या जबरन शादी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें धर्म परिवर्तन, जालसाजी, धमकी, फर्जी दस्तावेज़ और संगठित साजिश के संकेत भी मिल रहे हैं।
सवाल उठते हैं – क्यों और कैसे होती है ऐसी घटनाएं?
यह मामला केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के सामने एक चेतावनी है। जब कोई महिला धर्म, पहचान और रिश्ते की पूरी बुनियाद ही झूठ पर रखकर किसी व्यक्ति की ज़िंदगी को तोड़ने की कोशिश करती है, तो यह केवल व्यक्तिगत धोखा नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का भी अपमान होता है।
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