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सोनीपत की मां-बेटे की जोड़ी ने रचा इतिहास: पहले ही प्रयास में जीते 6 गोल्ड मेडल
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कभी सिर्फ फिटनेस के लिए जिम जाती थीं, आज नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की गोल्ड मेडलिस्ट बन चुकी हैं। हम बात कर रहे हैं सोनीपत की 40 वर्षीय प्राइमरी टीचर ज्योति और उनके 16 वर्षीय बेटे मौलिक की, जिन्होंने सिर्फ एक महीने की तैयारी में 6 गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया।
गुजरात के मेहसाणा में आयोजित नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में भाग लेकर ज्योति ने मिक्स कैटेगरी, 63 किलो वेट कैटेगरी और 40+ आयु वर्ग में गोल्ड मेडल जीते। वहीं उनके बेटे मौलिक ने सब-जूनियर वर्ग में अपने तीनों इवेंट्स में गोल्ड अपने नाम किए।
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ज्योति ने डेडलिफ्ट में 70 किलो, स्क्वाट में 75 किलो और बेंच प्रेस में 30 किलो वजन उठाया।
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मौलिक ने भी अपने वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन किया और सभी को चौंका दिया।
20 किलो से शुरू हुआ सफर, अब उठा रहे हैं 200 किलो तक
ज्योति बताती हैं कि उन्होंने और मौलिक ने 20 किलो की रॉड से अभ्यास शुरू किया था। धीरे-धीरे उन्होंने वजन बढ़ाया और अब वे 200 किलो तक लिफ्ट कर सकते हैं। यह सफर सिर्फ ताकत का नहीं, आत्मबल का भी था।
मां-बेटे की जुगलबंदी बनी प्रेरणा
एक ओर ज्योति दिनभर स्कूल में बच्चों को पढ़ाती हैं, तो दूसरी ओर शाम को बेटे के साथ जिम में पसीना बहाती हैं। वे कहती हैं:
"हम दोनों अब एक-दूसरे के परिवार हैं। मैंने हालातों से हार नहीं मानी, और बेटे ने मेरा हर कदम पर साथ दिया।"
पति से अलगाव के बाद भी उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर खुद को फिर से खड़ा किया – मानसिक और शारीरिक रूप से।
सिर्फ खिलाड़ी नहीं, हौसले की मिसाल
मां-बेटे की यह जोड़ी न सिर्फ पावरलिफ्टिंग में, बल्कि संघर्षों से लड़ने की मिसाल बन चुकी है। उन्होंने दिखा दिया कि कोई भी परिस्थिति आपके हौसले से बड़ी नहीं होती।
अब उनका अगला लक्ष्य है – इंटरनेशनल लेवल पर भारत के लिए मेडल जीतना।