- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ में मची अफरा-तफरी, दबने से दो की मौत
कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ में मची अफरा-तफरी, दबने से दो की मौत
Sehore, MP
.jpg)
कुबेरेश्वर धाम, जो प्रसिद्ध कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की कर्मभूमि है, वहां मंगलवार को कांवड़ यात्रा से पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते बड़ा हादसा हो गया।
दर्शन के लिए आई भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसे हालात बन गए। इस अफरा-तफरी में तीन श्रद्धालु ज़मीन पर गिर गए, जिनमें से दो की मौके पर ही दम घुटने और दबने से मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
कांवड़ यात्रा से पहले उमड़ी भीड़, व्यवस्था ध्वस्त
6 अगस्त को आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर लाखों श्रद्धालु एक दिन पहले ही कुबेरेश्वर धाम पहुंचने लगे थे। आयोजकों ने 4,000 लोगों के लिए भोजन और ठहराव की व्यवस्थाएं की थीं, लेकिन मंगलवार को अनुमान से कई गुना अधिक श्रद्धालु पहुंच गए। नतीजतन भंडारे, शेड, और दर्शन स्थलों पर भीड़ अनियंत्रित हो गई।
घटनास्थल से तीन लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित किया, और एक का इलाज जारी है।
प्रशासनिक चूक या अनदेखी?
हालांकि प्रशासन ने दावा किया था कि 5 अगस्त रात 12 बजे से ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग प्लान लागू किया जाएगा, लेकिन हादसे के वक्त तक न तो यह योजना प्रभावी थी, न ही पर्याप्त फोर्स मौके पर मौजूद था।
एसपी दीपक शुक्ला ने भीड़ नियंत्रण के लिए खास इंतजामों की बात कही थी। अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह द्वारा एसडीएम तन्नय वर्मा को कार्यक्रम का प्रभारी भी नियुक्त किया गया था, लेकिन हादसे के समय जमीनी स्तर पर सुरक्षा इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
सवालों के घेरे में व्यवस्था
अब सवाल उठ रहा है कि जब प्रशासन और आयोजकों को श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान था, तो आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीम, एम्बुलेंस और फोर्स क्यों तैनात नहीं थी?
कई श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि श्रद्धा की यह भीड़ हर साल बढ़ रही है, लेकिन व्यवस्थाएं आज भी वहीं की वहीं हैं।