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छत्तीसगढ़ में देश के पहले हाइड्रोजन लॉजिस्टिक ट्रक को सीएम साय ने दिखाई हरी झंडी, हरित ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम
Raipur, CG

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को राजधानी स्थित अपने निवास परिसर से देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल लॉजिस्टिक ट्रक को रवाना कर ऐतिहासिक शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने ट्रक चालक को अपने हस्ताक्षर के साथ चाबी सौंपकर शुभकामनाएं दीं और इस अभिनव पहल के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (CSPGCL) और अडानी नैचरल रिसोर्सेस को बधाई दी।
मुख्यमंत्री साय ने इसे छत्तीसगढ़ और देश के लिए हरित ऊर्जा की दिशा में "क्रांतिकारी कदम" बताया और कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2070 तक भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।
पर्यावरण और विकास में संतुलन का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से समृद्ध प्रदेश है और यहां इस ट्रक का उपयोग खनिजों के परिवहन में किया जाएगा, जिससे डीजल पर निर्भरता घटेगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ग्रीन टेक्नोलॉजी और नवाचार को प्राथमिकता दे रही है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास में संतुलन बना रहे।
इस अवसर पर अडानी एंटरप्राइजेज के नैचरल रिसोर्सेस डिवीजन के सीईओ डॉ. विनय प्रकाश ने भी इस पहल को “खनन क्षेत्र में टिकाऊ विकास की दिशा में मील का पत्थर” बताया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, सीएसपीजीसीएल के एमडी संजीव कटियार और अडानी ग्रुप के अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।
हाइड्रोजन ईंधन: स्वच्छ और शक्तिशाली विकल्प
हाइड्रोजन दुनिया का सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है और इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह किसी प्रकार का हानिकारक उत्सर्जन नहीं करता। हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन भारी लोड उठाने में सक्षम होते हैं और धुएं की जगह केवल जलवाष्प और गर्म हवा उत्सर्जित करते हैं। साथ ही ये वाहन बेहद कम आवाज करते हैं, जिससे प्रदूषण और शोर, दोनों में कमी आती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, खनन क्षेत्र में अधिकतर मशीनें डीज़ल पर निर्भर होती हैं, ऐसे में हाइड्रोजन ईंधन का उपयोग पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह कदम न केवल देश की कच्चे तेल पर निर्भरता घटाएगा बल्कि भारत के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को भी गति देगा।
वैश्विक तकनीकी सहयोग से बना है ट्रक
बताया गया है कि यह ट्रक भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सहयोग से तैयार किया गया है। इसमें तीन हाई-प्रेशर हाइड्रोजन टैंक लगे हैं और यह एक बार में 40 टन माल को 200 किलोमीटर तक ले जा सकता है। ट्रक में स्मार्ट तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे इसकी संचालन क्षमता और सुरक्षा में इजाफा होता है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड और अडानी नैचरल रिसोर्सेस के संयुक्त प्रयास से यह ट्रक रायगढ़ जिले के गारे पेल्मा-3 कोल ब्लॉक से राज्य की बिजली उत्पादन इकाई तक कोयले के परिवहन में इस्तेमाल किया जाएगा।