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राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दिया एकता व शांति का संदेश, कहा – संकट की घड़ी में एकजुट रहना ही राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत
Raipur, CG

देश में उत्पन्न तनावपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनज़र छत्तीसगढ़ के राजभवन स्थित दरबार हॉल में शनिवार को एक सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया। राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में हुई इस सभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित विभिन्न धर्मों और समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभा का उद्देश्य समाज में शांति, सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का संदेश फैलाना था।
सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि वर्तमान समय केवल सीमाओं पर युद्ध का नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक एकता, सांस्कृतिक सहिष्णुता और नागरिक चेतना की भी परीक्षा है। उन्होंने नागरिकों से संयम और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि देश जब किसी चुनौती से गुजरता है, तो सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिकों की एकजुटता भी राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति बनती है।
“भारत विविधताओं में एकता का प्रतीक है” – राज्यपाल डेका
राज्यपाल डेका ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सदियों से विविधताओं को आत्मसात करता आया है। पूजा-पद्धतियाँ भिन्न हो सकती हैं, लेकिन मानवता की भावना सबमें एक समान है। उन्होंने वर्ष 1965, 1971 और 1999 के युद्धों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश हमेशा धर्म, जाति या भाषा के नाम पर विभाजित नहीं हुआ। “छत्तीसगढ़ भी इस सांस्कृतिक समन्वय का जीवंत उदाहरण है, जहाँ सभी धर्मों के लोग आपसी प्रेम और सम्मान के साथ रहते हैं।”
उन्होंने प्रदेशवासियों से एकजुट रहने, शांति बनाए रखने और देश के लिए सकारात्मक योगदान देने की अपील की।
“सेना के साहस को प्रणाम, देश के लिए एकजुट रहें” – सीएम विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भारत हमेशा सत्य, अहिंसा और शांति का पुजारी रहा है। उन्होंने कहा कि इस सभा में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने देश की एकता के प्रति संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा, “सैनिकों के अदम्य साहस को हम प्रणाम करते हैं। उन्होंने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है और अब हमारा कर्तव्य है कि हम सामाजिक समरसता को बनाए रखें।”
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं से सतर्क रहने की अपील भी की और कहा कि असामाजिक तत्व वर्तमान परिस्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर सकते हैं।
धर्मगुरुओं ने दी एकता और सहिष्णुता की सीख
सभा में जैन समाज के चंद्रेश शाह, शदाणी दरबार के युधिष्ठिर महाराज, ब्रह्माकुमारी सविता बहन, सिख समाज के सरदार अमरिक सिंह, बोहरा समाज के फिरोज गांधी, ब्राह्मण समाज के दीवाकर तिवारी, बौद्ध समाज के भंते डॉ. जीवक, रामकृष्ण मिशन के किशोर महाराज, भारत सेवा संघ के स्वामी शिवरूपानंद महाराज, डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ की बिशप सुषमा कुमार, गायत्री परिवार के दिलीप पाणिग्राही, जामा मस्जिद के अब्दुल फहिम और कालीबाड़ी बंगाली समाज के रंजन बनर्जी सहित विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने देश की अखंडता व शांति को लेकर विचार रखे।
श्रद्धांजलि और अपील
सभा के अंत में पहाेलगाम आतंकी हमले और युद्ध में शहीद हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी गई। सभी उपस्थितजनों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना, संयुक्त सचिव निधि साहू, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी और विभिन्न धर्मों के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।