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दिव्यांग एथलीट सुखदेव का स्वर्णिम कारनामा: 7वीं अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1500 मीटर दौड़ में जीता गोल्ड मेडल
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छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के दिव्यांग एथलीट सुखदेव साहू ने एक बार फिर राज्य और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय खेल पटल पर रोशन किया है।
उन्होंने बेंगलुरु के कांतिराव स्टेडियम में 11-12 जुलाई को आयोजित 7वीं ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2025 में 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया।
4.36 मिनट में पूरा किया लक्ष्य, मिले अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक
सुखदेव ने 1500 मीटर की दूरी सिर्फ 4 मिनट 36 सेकंड में तय कर प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया। इस शानदार प्रदर्शन के बाद सुखदेव को देशभर से बधाई मिल रही है और छत्तीसगढ़ में खुशी की लहर है।
फॉर्चून नेत्रहीन विद्यालय से SAI तक का सफर
सुखदेव कभी फॉर्चून फाउंडेशन द्वारा संचालित फॉर्चून नेत्रहीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, करमापटपर (बागबाहरा खुर्द) के छात्र रहे हैं। वहीं से प्रशिक्षक निरंजन साहू के मार्गदर्शन में उनका एथलीट बनने का सफर शुरू हुआ। वर्तमान में वह भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), बेंगलुरु में नियमित प्रशिक्षण ले रहे हैं।
पहले भी जीत चुके हैं राष्ट्रीय गोल्ड
सुखदेव ने इससे पहले भी खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025, नई दिल्ली में 400 मीटर दौड़ में और 23वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप, चेन्नई में 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
प्रशासन और खेल जगत से मिली सराहना
सुखदेव की सफलता पर महासमुंद कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, सीईओ जिला पंचायत एस. आलोक, उप संचालक समाज कल्याण संगीता सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे, खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे सहित कई अधिकारियों और पैरा स्पोर्ट्स संघ के पदाधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है।
सरकार दे रही है हरसंभव सहयोग
राज्य शासन ने दिव्यांग एथलीटों के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं ताकि उन्हें आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण और मंच मिल सके। सुखदेव की उपलब्धि इस नीति की सफलता का प्रमाण है।
प्रेरणास्रोत बना सुखदेव का संकल्प
सुखदेव की यह जीत ना सिर्फ उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के अन्य दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का प्रतीक बन गई है। उनका संदेश साफ है—“संघर्ष से ही सफलता का मार्ग निकलता है।”