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550 करोड़ रुपये के मेडिकल घोटाले में छह आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल, जानिए पूरा मामला
Raipur, cg

छत्तीसगढ़ में चर्चित 550 करोड़ रुपये के मेडिकल सर्विस घोटाले में एसीबी/ईओडब्ल्यू ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए छह आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। चिकित्सा उपकरणों और रसायनों की खरीदी में भारी अनियमितताओं के चलते राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप इन सभी पर लगा है।
18 हजार पन्नों की चार्जशीट में दर्ज आरोप
जांच एजेंसी द्वारा दाखिल 18 हजार पन्नों की चार्जशीट में मोक्षित कॉरपोरेशन के निदेशक शशांक चोपड़ा समेत छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) के पांच अधिकारियों — बसंत कुमार कौशिक, छिरोद रौतिया, कमलकांत पाटनवार, डॉ. अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे — के नाम शामिल हैं।
बताया गया कि जब घोटाला हुआ, तब ये सभी अधिकारी विभिन्न पदों पर कार्यरत थे, जिनमें प्रभारी महाप्रबंधक, उप प्रबंधक, बायोमेडिकल इंजीनियर और स्टोर निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल थे।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में सामने आया है कि जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच करोड़ों रुपये की ऐसी खरीदी की गई, जिसकी वास्तविक आवश्यकता स्वास्थ्य संस्थानों में थी ही नहीं। कई सामग्रियों की कीमतें बाजार मूल्य से कई गुना अधिक भुगतान कर खरीदी गईं।
उदाहरण के तौर पर, ब्लड सैंपल कलेक्ट करने वाली ईडीटीए ट्यूब्स को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2,352 रुपये प्रति पीस खरीदा गया, जबकि बाजार में वही ट्यूब मात्र 8.50 रुपये में उपलब्ध थी। इसी तरह एक सीबीसी मशीन, जिसकी बाजार कीमत करीब 5 लाख रुपये थी, उसे 17 लाख रुपये में खरीदा गया।
कब और कैसे हुई कार्रवाई
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने इस साल जनवरी में रायपुर और दुर्ग सहित हरियाणा के कई इलाकों में छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की थी। 29 जनवरी को मुख्य आरोपी शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य पांच अधिकारियों को पिछले महीने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
किनके खिलाफ दर्ज हुआ था मामला?
22 जनवरी को एसीबी/ईओडब्ल्यू ने सीजीएमएससीएल और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के कई अधिकारियों तथा चार फर्मों — मोक्षित कॉरपोरेशन, सीबी कॉरपोरेशन, रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज — के खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी में शुरुआत में किसी का नाम नहीं था, परंतु जांच के बाद जिम्मेदारों के नाम उजागर हुए।
भविष्य की कार्रवाई
अब इस मामले में कोर्ट की सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। फिलहाल राज्य की बड़ी घोटालों की सूची में शामिल इस मामले ने सरकार और प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।