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राज्य स्तरीय पर्यावरण कार्यशाला में जुटे 2000 प्रतिनिधि: अहमदाबाद विमान हादसे के मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि
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राजधानी भोपाल के रविन्द्र भवन में शुक्रवार को राज्य स्तरीय शहरी पर्यावरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत अहमदाबाद विमान हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि देकर की गई। दो मिनट के मौन के साथ उपस्थित प्रतिनिधियों ने संवेदना व्यक्त की।
‘सिटी इन द गार्डन’ के सपने को साकार करने की तैयारी
कार्यशाला की मुख्य थीम मानसून में शहरी हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित रही। इसमें प्रदेशभर से आए 2000 से अधिक नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों, मास्टर ट्रेनरों, सीएमओ, कमिश्नरों, महिला स्व-सहायता समूहों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और NGO सदस्यों ने भाग लिया।
अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास संजय कुमार शुक्ल ने कहा, "हमें सिर्फ पार्कों तक ही हरियाली सीमित नहीं रखनी है, बल्कि पूरे शहर को ही बगीचे के रूप में देखना है।" उन्होंने ‘सिटी इन द गार्डन’ अवधारणा को मूर्त रूप देने का आह्वान किया।
1 करोड़ पौधों का लक्ष्य, हर निकाय को दी जिम्मेदारी
‘अमृत हरित महाअभियान’ के अंतर्गत प्रदेश में 1 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत:
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पीथमपुर में अकेले 11 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा।
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हर नगरीय निकाय को जनसंख्या व क्षेत्रफल के अनुसार लक्ष्य सौंपा जाएगा।
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हर नागरिक को ‘ग्रीन सोल्जर’ की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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5 जून से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अभियान की शुरुआत की जा चुकी है।
मास्टर ट्रेनर और कानून का सख्त पालन
कार्यक्रम में बताया गया कि पर्यावरण में रुचि रखने वाले लोगों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे स्थानीय स्तर पर जागरूकता फैला सकें और प्रभावी पौधारोपण सुनिश्चित कर सकें।
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि:
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पेड़ काटने के मामलों में कानून सख्ती से लागू किया जाएगा।
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बिल्डिंग परमिशन के नियमों का पालन अनिवार्य होगा।
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प्रत्येक सरकारी संस्थान व कॉलेज को अपनी 15% जमीन पर पौधारोपण करना अनिवार्य किया जाएगा।
प्रोत्साहन व AQI पर भी फोकस
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि:
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प्रत्येक नगर निकाय द्वारा बेहतर कार्य करने पर 5 करोड़ रुपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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डिजिटल डाटाबेस में हर पौधारोपण की जानकारी दर्ज की जाएगी।
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वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर निगरानी रखते हुए खराब स्थिति वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा।
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पीथमपुर जैसे क्षेत्रों में AQI को 50 से नीचे लाने का लक्ष्य तय किया गया है।