- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- मंत्री विजय शाह केस : "SIT में महिला अफसर भी शामिल" जानिए किस बेच के हैं तीनों IPS
मंत्री विजय शाह केस : "SIT में महिला अफसर भी शामिल" जानिए किस बेच के हैं तीनों IPS
BHOPAL, MP

भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह पर शिकंजा कसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद अब इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा सोमवार रात एसआईटी गठन का आदेश जारी किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाकर SIT बनाने के दिए थे निर्देश
19 मई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह का माफीनामा खारिज करते हुए मध्यप्रदेश के डीजीपी को 24 घंटे में SIT गठन का आदेश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि टीम में:
-
एक IG रैंक के अधिकारी हों
-
दो अन्य अफसर SP या उससे ऊपर के रैंक के हों
-
कम से कम एक महिला अधिकारी शामिल की जाए
-
सभी अफसर मध्यप्रदेश के मूल निवासी न हों
ये तीन अधिकारी करेंगे जांच
डीजीपी कैलाश मकवाना ने कोर्ट के निर्देश के पालन में SIT का गठन किया, जिसमें ये तीन वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं:
-
प्रमोद वर्मा, IG, सागर रेंज
-
2001 बैच के IPS
-
राजस्थान मूल निवासी
-
2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय से उत्कृष्ट सेवा पदक
-
-
कल्याण चक्रवर्ती, DIG, PHQ SAF
-
2010 बैच के IPS
-
पश्चिम बंगाल के मूल निवासी
-
2020 में CBI में SP पद पर कार्यरत रहे
-
-
वाहिनी सिंह, SP, डिंडौरी
-
2014 बैच की महिला IPS
-
राजस्थान मूल निवासी
-
पूर्व में SAF छिंदवाड़ा और निवाड़ी में SP रही हैं
-
क्या है पूरा मामला?
12 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा:
"पाकिस्तानियों ने हमारे हिंदुओं को मारा, उनके कपड़े उतारे और मोदी जी ने उनकी बहन को भेजा कि वह उन्हें नंगा करके छोड़े।"
इस बयान के दौरान मंच पर भाजपा विधायक उषा ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम कटारा सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
हाईकोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान, FIR दर्ज
इस बयान को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई। कांग्रेस ने शाह के इस्तीफे की मांग की, जबकि हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने के आदेश दिए। जबलपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले में IPC की गंभीर धाराओं 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत एफआईआर के निर्देश दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा:
-
“आपका माफीनामा मगरमच्छ के आंसू जैसा है।”
-
“आप जैसे वरिष्ठ नेता को शब्दों की मर्यादा रखनी चाहिए थी।”
-
“सेना के लिए कम से कम इतना तो किया जा सकता है कि हम उन्हें सम्मान दें।”
28 मई तक देनी होगी रिपोर्ट
SIT को सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई 2025 तक इस मामले की स्थिति रिपोर्ट (Status Report) कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है।