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कैबिनेट बैठक से नदारद रहे मंत्री विजय शाह: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार लेगी निर्णय, बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दी प्रतिक्रिया
इंदौर/भोपाल।

मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ऐतिहासिक राजवाड़ा परिसर में आयोजित कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए।
उनकी अनुपस्थिति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में दिए गए विवादित बयान और उस पर दर्ज एफआईआर के चलते वे सुर्खियों में हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सफाई दी है।
वीडी शर्मा ने कहा,
"विजय शाह व्यक्तिगत कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो पाए होंगे। अक्सर किसी न किसी कैबिनेट बैठक में कुछ मंत्री अनुपस्थित रहते हैं। उनका मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार एसआईटी जांच कर रही है, और सरकार न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही आगे का कदम उठाएगी।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन पार्टी नेताओं के अनुशासन को लेकर गंभीर है और कानून की प्रक्रिया का सम्मान करता है।
कैबिनेट बैठक को बताया विरासत का सम्मान
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने राजवाड़ा में हुई इस विशेष बैठक को 'विरासत का सम्मान' बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक बैठक नहीं, बल्कि माँ अहिल्याबाई होलकर के सुशासन और मूल्यों को समर्पित आयोजन था। इस बैठक में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन के लिए मेट्रोपॉलिटन विकास काउंसिल का गठन किया गया है। साथ ही ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक संग्रहालय की स्थापना के लिए ₹2200 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा 'राहगीर योजना' के तहत सड़क हादसों में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने वालों को ₹25,000 तक का इनाम दिया जाएगा।
विपक्ष पर निशाना
वीडी शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पर तंज कसते हुए कहा,
“वे क्या करते हैं, मुझे नहीं पता। लेकिन लगता है वे एक ही स्थान पर बैठकर सब कुछ करना चाहते हैं।”
सुमित्रा महाजन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कैबिनेट बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सरकार ने नारी सशक्तिकरण और संस्कृति संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई के आदर्शों से प्रेरित होकर यह बैठक वास्तव में जनकल्याण को समर्पित रही।