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टीकमगढ़ में मछुआ समाज का प्रदर्शन, तालाब समितियों के चुनाव न कराने पर नाराज़गी
Tikamgarh, MP

टीकमगढ़ जिले में मध्य प्रदेश माझी महासभा के बैनर तले मंगलवार को बड़ी संख्या में मछुआ समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों ने जिले के सभी तालाबों में कार्यरत मत्स्योद्योग सहकारी समितियों के चुनाव जल्द कराने की मांग की।
महासभा के जिलाध्यक्ष आशीष रैकवार ने बताया कि जिले में 100 से अधिक तालाबों पर रैकवार समाज की मछुआ समितियां कार्यरत हैं। इन समितियों के चुनाव हर पांच साल में होने चाहिए, लेकिन बीते 7 वर्षों से कोई चुनाव नहीं कराए गए हैं। इससे समितियों की संरचना जमीनी स्तर पर कमजोर हो गई है और कई पदों पर अनधिकृत लोग कब्जा जमाए बैठे हैं।
अधिकारियों पर रिश्वतखोरी के आरोप
आशीष रैकवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सहकारिता विभाग के अधिकारी चुनाव कराने या उन्हें रद्द करने के लिए समिति सदस्यों से अवैध वसूली कर रहे हैं। रिश्वत न देने पर तालाबों में चुनाव प्रक्रिया ठप कर दी जाती है, जिससे समाज के लोगों की आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा है। मजबूर होकर कई परिवार दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं।
एक महीने का अल्टीमेटम, नहीं तो जल सत्याग्रह
महासभा ने ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को एक महीने का समय दिया है। इस दौरान सभी लंबित समितियों के चुनाव कराने, तालाबों पर अवैध कब्जे हटाने, सरकारी योजनाओं में मछुआरों को 50% आरक्षण देने और गैर-मछुआ समाज के प्रबंधकों को हटाने की मांग की गई है।
साथ ही, भारी बारिश से हुए नुकसान की भरपाई की भी मांग की गई है। महासभा ने चेतावनी दी है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं तो वे उग्र आंदोलन और जल सत्याग्रह के लिए बाध्य होंगे।