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पुलिस आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा: CM डॉ. मोहन ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश, सॉल्वर गैंग पर शिकंजा
Bhopal, MP

मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में फर्जीवाड़े के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे आपराधिक कृत्य, जो योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय करते हैं, राज्य में कतई बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने की सख्ती की घोषणा
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 में फर्जीवाड़े की सूचना मिलने पर मैंने तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह एक आपराधिक कृत्य है जिसमें प्रतिभावान अभ्यर्थियों का हक छीना गया।"
बायोमेट्रिक और आधार डाटा की गहन जांच
सीएम ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने स्वत: संज्ञान लेकर सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की बारीकी से जांच शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया जिन मामलों में इम्पर्सोनेशन (दूसरे की जगह परीक्षा देना) की पुष्टि हुई है, वहां आरोपियों पर FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
IG लॉ एंड ऑर्डर अंशुमान सिंह के अनुसार, मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2023 में पुलिस आरक्षक (जीडी और रेडियो) की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 6.52 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। नवंबर 2024 में मुरैना परीक्षा केंद्र पर शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान 5 फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा गया, जो असली उम्मीदवारों की जगह परीक्षा देने पहुंचे थे।
FIR दर्ज, कई अभ्यर्थी रडार पर
पकड़े गए संदिग्धों को तत्काल परीक्षा से बाहर कर दिया गया और उनके खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच एजेंसियां अब अन्य ऐसे मामलों की भी पड़ताल कर रही हैं जिनमें संदिग्ध गतिविधियों की आशंका है।