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चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ में 11 की मौत, मृतकों के परिजनों को मिलेगा 25 लाख मुआवजा: सीएम सिद्धारमैया
Jagran Desk

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल 2025 में ऐतिहासिक जीत का जश्न उस समय मातम में बदल गया जब चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भयानक भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही, सरकार ने इस घटना की सघन जांच के आदेश दिए हैं।
पहले तय मुआवजा 10 लाख था, अब बढ़ाया गया 25 लाख
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है और उन्हें तत्काल राहत पहुंचाई जाएगी। पहले मुआवजे की राशि 10 लाख रुपये घोषित की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 25 लाख कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुआवजा शीघ्र वितरित किया जाए।
RCB की विक्ट्री परेड में मची अफरातफरी, आयोजन एजेंसियां सवालों के घेरे में
आईपीएल 2025 में RCB द्वारा पहली बार खिताब जीतने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक विजय परेड का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में प्रशंसक पहुंचे, लेकिन भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की विफलता के कारण भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रवेश द्वार पर भीड़ एकाएक बेकाबू हो गई और हालात संभालने से पहले ही कई लोग दब गए।
RCB, KSCA और आयोजन कंपनी पर दर्ज हुई FIR
इस घटना को लेकर RCB, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और आयोजन कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए KSCA के सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, सरकार से मांगी रिपोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस दर्दनाक हादसे का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को 10 जून तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। अदालत ने सवाल उठाया है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी की अनुमति कैसे दी गई और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के क्या इंतजाम थे।
सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल, राजनीतिक हलचल तेज
इस हादसे के बाद राज्य में सुरक्षा प्रबंधों को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है और विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। RCB की जीत का जश्न, जिसने पूरे राज्य को गर्व से भर दिया था, अब एक सुरक्षा संकट और प्रशासनिक चूक का उदाहरण बनकर उभरा है।