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Video : रीवा में शिक्षा का अपमान! घोघर स्कूल में सड़ती किताबें, किताबों के बीच मिलीं कफ सिरप की शीशियां
Rewa, MP

जिले के घोघर स्कूल में बना पुस्तक स्टोर इन दिनों शिक्षा विभाग की लापरवाही का आईना बन गया है। स्टोर में रखी वे किताबें, जिन्हें पाठ्यपुस्तक निगम भोपाल द्वारा छात्रों में वितरण के लिए भेजा गया था, अब जर्जर भवन और बारिश के पानी की भेंट चढ़ चुकी हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि स्टोर में किताबों के बीच खाली कफ सिरप की शीशियाँ भी पाई गईं, जिससे शिक्षा के मंदिर की पवित्रता पर सवाल उठने लगे हैं।
शिक्षा का मंदिर या लापरवाही का केंद्र?
जब हमारी टीम घोघर स्कूल पहुंची तो देखा कि जिस स्थान को बच्चों में शिक्षा का प्रकाश फैलाने का केंद्र होना चाहिए, वह बदइंतज़ामी और उपेक्षा की मिसाल बन गया है। टपकती छत, गीली दीवारें और जमीन पर सड़ती किताबें – यह सब शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
जिम्मेदार मौन, छात्र वंचित
जब इस संबंध में स्टोर प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस विषय की जानकारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आकांक्षा सोनी को लिखित में दी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। किताबें, जो छात्रों में समय रहते बांटी जानी थीं, वे स्टोर में ही खराब हो रही हैं। सवाल यह भी उठता है कि बची हुई किताबों को समय रहते वापस क्यों नहीं भेजा गया, ताकि दूसरे जरूरतमंद विद्यार्थियों को इनका लाभ मिल सके?
सिरप की शीशियों ने बढ़ाई चिंता
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्टोर में किताबों के बीच नशीली कफ सिरप की खाली शीशियाँ मिलीं। यह न सिर्फ गंभीर लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि स्कूल परिसर में नशे के प्रवेश की संभावना को भी जन्म देता है। गौरतलब है कि हाल ही में विधानसभा में नशे को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था, ऐसे में शिक्षा संस्थानों में इस तरह के सुराग चिंताजनक हैं।
जब इस पूरे मामले पर कलेक्टर प्रतिभा पाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, “यह गंभीर मामला है। जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
घोघर स्कूल का यह मामला न सिर्फ प्रशासन की जवाबदेही तय करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत किस कदर अनदेखी और उपेक्षा की शिकार हो रही है। जरूरत है, समय रहते उचित कदम उठाने की – ताकि शिक्षा सच में जन-जन तक पहुंचे, न कि स्टोर में सड़ती रहे।