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फोटो डाउनलोड करते ही अकाउंट से 2 लाख गायब, एक क्लिक में हो जाएंगे कंगाल
JABALPUR, MP

मध्य प्रदेश के जबलपुर में साइबर ठगी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां एक व्यक्ति को स्टेग्नोग्राफी के जरिए ठगा गया है.
साइबर ठग आम लोगों और यहां तक की पुलिस से भी एक कदम आगे चल रहे हैं. जबतक ठगी के पुराने तरीकों को लोग समझ पाते हैं, नए तरीकों से साइबर ठगी शुरू हो जाती है. वॉट्सएप फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के मामले अभी थमे नहीं है कि जबलपुर से साइबर ठगी का नया और हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां प्रदीप जैन नाम के एक शख्स से जैसे ही अपने मोबाइल पर आया फोटो डाउनलोड किया, उनके खाते से 2 लाख 11 हजार रु गायब हो गए.
स्टेग्नोग्राफी का शिकार हुए प्रदीप
इस तरह की साइबर ठगी में स्टेग्नोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें किसी फाइल के अंदर कोई अन्य फाइल, एप्लीकेशन, कोडिंग आदि होती है और उसे खोलते ही आपकी जानकारी या मोबाइल हैक हो जाता है. प्रदीप जैन के पास भी एक स्टेग्नोग्राफी की गई फोटो आई थी. उन्होंने उत्सुकतावश फोटो को डाउनलोड किया और मोबाइल हैक हो गया. इसके तुरंत बाद उनके अकाउंट से 2 लाख 11 हजार रु निकाल लिए गए.

ठगों ने इस तरह फंसाया जाल में
जबलपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाले प्रदीप कुमार जैन के मोबाइल पर सुबह 8 बजे एक फोन आया. फोन करने वाले ने कहा, '' हमने आपको एक फोटो भेजी है. इस फोटो को देखकर जरा बताइए क्या आप इन्हें पहचानते हैं? प्रदीप कुमार जैन ने बताया कि जो फोन आया था वह एक अनजान नंबर से आया था. उन्हें सामान्य तौर पर होने वाले फ्रॉड की जानकारी थी लेकिन उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि एक फोटो के जरिए उनके साथ इतनी बड़ ठगी हो जाएगी.

फोटो डाउनलोड करते ही शुरू हुआ खेल
पहले तो प्रदीप ने फोटो डाउनलोड नहीं किया और मंदिर चले गए, लेकिन दोपहर में एक बार फिर उनके पास फोन आया. फोन करने वाले ने फिर कह, '' हमने आपको जो फोटो भेजी थी आपने उसके बारे में बताया नहीं? इसके बाद प्रदीप सोच में पड़ गए और उत्सुकता में आकर फोटो डाउनलोड कर ली. फोटो डाउनलोड करते ही उनके कैनरा बैंक अकाउंट में ₹1 क्रेडिट हुआ. कुछ ही देर बाद उनके उसे अकाउंट से एक बार में एक लाख और एक बार में 1 लाख 11 हजार रु डेबिट होने का मैसेज आ गया.
साइबर सेल में की शिकायत, हैदराबाद से निकला पैसा
प्रदीप जैन ने तुरंत इस बात की शिकायत जबलपुर के कोतवाली थाने में की. कोतवाली पुलिस ने उन्हें साइबर सेल भेजा, जहां उन्होंने मोबाइल पर आई फोटो के बारे में बताया. साइबर पुलिस ने उन्हें बताया था कि उनका पैसा हैदराबाद के कैनरा बैंक से एटीएम के जरिए निकाला गया है. उनका पैसा IVIVF नाम के एक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है. पुलिस बैंक अकाउंट के जरिए आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
बिना ओटीपी के हो गया फ्रॉड
इस मामले को लेकर एडिशनल एसपी सोनाली मिश्रा ने कहा, '' सामान्य तौर पर पहले मोबाइल को हैक करने के लिए एक ओटीपी भेजा जाता था और ओटीपी देने मिलते ही मोबाइल हैकर्स के कंट्रोल में चला जाता था. इससे फ्रॉड किया था लेकिन यह मामला नया है. इसमें ओटीपी नहीं मांगा गया बल्कि केवल फोटो डाउनलोड करते ही मोबाइल हैक हो गया. मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है.
स्टेग्नोग्राफी के जरिए हो रहे फ्रॉड
एडिशनल एसपी सोनाली मिश्रा ने कहा, '' यह स्टेग्नोग्राफी तकनीक है, जिसके जरिए यह फ्रॉड किया जा रहा है. इसमें पूरा मोबाइल हैक कर लिया जाता है और ओटीपी भी हैकर के पास पहुंचता है. इसके बाद वह नेट बैंकिंग के जरिए दूर बैठकर ही आपका अकाउंट खाली कर देता है. प्रदीप के साथ जो धोखा हुआ उसमें उन्हें एक फोटो डाउनलोड करने के लिए कहा गया था. दरअसल, ये फोटो की आड़ में एक ऐप था. इसलिए साइबर जानकारों का कहना है कि फोटो की साइज छोटी होती है और यदि फोटो जरूरत से ज्यादा बड़ी साइज की नजर आती है तो उसे डाउनलोड ना करें. वह फोटो नहीं बल्कि फ्रॉड करने का ऐप हो सकता है.''