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हिरासत में संदिग्ध मौत: मंदसौर में नारकोटिक्स कस्टडी में युवक की मौत, पोस्टमॉर्टम में जहर की पुष्टि
Mandsaur, MP
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नारकोटिक्स विभाग की हिरासत में एक युवक की रहस्यमय मौत ने मध्यप्रदेश के मंदसौर में हलचल मचा दी है। महिपाल सिंह नामक युवक की मौत को लेकर आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि उसकी मृत्यु कोरोसिव ज़हर (Corrosive Poison) के सेवन से हुई।
परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए इसे पुलिस द्वारा की गई हिरासत में हत्या बताया है।
चाचा बोले- पुलिस ने दिया जहर, कस्टडी में कहां से आया ज़हर?
मृतक के चाचा झुझार सिंह ने बताया कि 23 जुलाई को नारकोटिक्स विंग ने महिपाल को गिरफ्तार किया था। अगले दिन सुबह थाना प्रभारी राकेश चौधरी का फोन आया कि 450 ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ महिपाल पकड़ा गया है, लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ गई है।
जब परिवार मंदसौर पहुंचा तो महिपाल की लाश उन्हें अस्पताल में मिली। झुझार सिंह ने सवाल उठाया — "अगर महिपाल पुलिस की हिरासत में था, तो ज़हरीला पदार्थ उसके पास आया कहां से? क्या उसे पुलिस ने जबरन कुछ पिलाया?"
शरीर के कई हिस्सों से बह रहा था खून
परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने शुरू में कहा कि महिपाल को निमोनिया है, लेकिन उसके मुंह, नाक, कान, आंख और यूरीन से खून निकल रहा था। परिजन पहले ही शक जता चुके थे कि यह कोई सामान्य बीमारी नहीं है, बल्कि किसी रासायनिक ज़हर का असर हो सकता है।
कोरोसिव ज़हर की पुष्टि, विसरा जांच बाकी
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) डॉ. गोविंद सिंह चौहान ने पुष्टि की है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कोरोसिव ज़हर बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह ज़हर आमतौर पर एसिड की तरह होता है, जो शरीर के अंदर जाकर गंभीर घाव कर देता है। हालांकि, मौत का वास्तविक कारण जानने के लिए विसरा रिपोर्ट मांगी गई है।
पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में
मामले में अब पुलिस की भूमिका भी शक के दायरे में आ गई है। परिजनों ने मांग की है कि नारकोटिक्स विभाग की पूरी कार्रवाई की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह मामला अब एक संवेदनशील मानवाधिकार मुद्दा बनता जा रहा है।