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नाले में पड़ा मिला नवजात, नाल भी नहीं कटी थी: गांववालों ने 14 किमी दूर बाइक से अस्पताल पहुंचाया
Narsinghpur, MP
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जिले के मुराछ गांव में रविवार को मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई। गांव के एक नाले के पास कीचड़ में एक नवजात शिशु नग्न अवस्था में पड़ा मिला, जिसकी नाल तक नहीं कटी थी।
समय रहते ग्रामीणों ने नवजात को बचाया और बाइक से 14 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई।
बच्चे के रोने की आवाज बनी जीवनदायिनी
गांव के प्रीतम चौधरी को सुबह नाले के पास से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। जब वे पहुंचे, तो देखा कि एक नवजात शिशु कीचड़ में लिपटा पड़ा है। उन्होंने तत्काल गांव के नेपाल पटेल और उनकी पत्नी उमा बाई को जानकारी दी। उमा बाई ने बिना देर किए बच्चे को उठाया और प्राथमिक देखभाल की।
नाल कटी नहीं थी, प्रसव के तुरंत बाद छोड़ा गया
बच्चे की नाल अभी भी जुड़ी हुई थी, जिससे स्पष्ट होता है कि शिशु को जन्म के कुछ ही समय बाद वहां छोड़ दिया गया था। बच्चे के शरीर पर कीचड़ लगा था और वह बेहद ठंड में कांप रहा था।
एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी, बाइक से तय की 14 KM की दूरी
गांव में कीचड़ और खराब रास्तों के कारण एंबुलेंस मौके तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में उप सरपंच छोटेलाल पटेल ने नवजात को बाइक पर बैठाकर मुराछ से तिंदनी और नया गांव होते हुए सुपला गांव तक पहुंचाया, जहां 108 एंबुलेंस से उसे जिला अस्पताल भेजा गया।
बच्चे का वजन सिर्फ 2 किलो, ICU में भर्ती
जिला अस्पताल के RMO डॉ. राहुल नेमा के अनुसार, नवजात का वजन मात्र 2 किलोग्राम है और उसे हाइपोथर्मिया की स्थिति में लाया गया। उसे गहन शिशु चिकित्सा इकाई (NICU) में भर्ती कर निगरानी में रखा गया है। एंबुलेंस EMT हेमंत प्रजापति ने बच्चे को तत्काल प्राथमिक उपचार और साफ-सफाई उपलब्ध कराई।
मानवता ने बचाई जान, पर सवाल कायम
इस अमानवीय घटना ने जहां एक ओर समाज को झकझोरा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों की तत्परता और संवेदनशीलता एक मिसाल बन गई है। अब सवाल यह है कि आखिर किसने एक मासूम की जान खतरे में डाल दी और उसे इस हाल में छोड़ दिया।