- Hindi News
- टॉप न्यूज़
- साइप्रस पहुंचे पीएम मोदी: राष्ट्रपति ने एयरपोर्ट पर किया रेड कार्पेट स्वागत
साइप्रस पहुंचे पीएम मोदी: राष्ट्रपति ने एयरपोर्ट पर किया रेड कार्पेट स्वागत
Jagran Desk
.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तीन देशों की चार दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना हुए। अपनी इस कूटनीतिक यात्रा की शुरुआत उन्होंने साइप्रस से की, जहां पहुंचते ही उनका भव्य स्वागत किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने स्वयं एयरपोर्ट पर पहुंचकर रेड कार्पेट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया और हाथ पकड़कर उन्हें स्वागत मंच तक लेकर गए।
🇨🇾 तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री जिन्होंने साइप्रस का दौरा किया
मोदी, साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री बने हैं। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस द्वीप देश का दौरा किया था। साइप्रस और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते लंबे समय से घनिष्ठ रहे हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और 2022 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी साइप्रस का दौरा किया था।
🇮🇳🇨🇾 दौरे के 5 प्रमुख उद्देश्य
-
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) में सहयोग: साइप्रस इस रणनीतिक परियोजना का हिस्सा है, जो ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में भारत की यूरोप से सीधी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
-
तुर्किये और पाकिस्तान को कूटनीतिक संदेश: तुर्किये द्वारा साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर 1974 से कब्जा और पाकिस्तान के साथ मिलकर नॉर्थ साइप्रस को मान्यता दिलाने की कोशिशों के बीच मोदी की यात्रा, भारत और साइप्रस के संयुक्त दृष्टिकोण को बल देती है।
-
मानवीय सहायता में सहयोग की स्मृति: साइप्रस ने 2006 में 'ऑपरेशन सुकून' और 2011 में 'ऑपरेशन सेफ होमकमिंग' के तहत लेबनान और लीबिया में फंसे भारतीयों को निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।
-
कश्मीर मुद्दे पर भारत को समर्थन: साइप्रस ने हमेशा भारत के रुख का समर्थन किया है और आने वाले समय में यूरोपीय यूनियन की अध्यक्षता करते हुए भारत के हितों की रक्षा करने का वादा भी किया है।
-
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन: साइप्रस, भारत की UNSC, NSG और IAEA में सदस्यता को खुलकर समर्थन देता रहा है। भारत ने भी साइप्रस की संप्रभुता की निरंतर रक्षा की है।
आगे का कार्यक्रम: G7 और क्रोएशिया
🇨🇦 16-17 जून: कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन
पीएम मोदी 16 जून को कनाडा के कनानास्किस (अल्बर्टा प्रांत) में होने वाले G7 समिट में भाग लेंगे। उन्हें यह आमंत्रण केवल 8 दिन पहले मिला, जिससे यह साफ होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है।
हालांकि भारत-कनाडा संबंध हाल के वर्षों में खट्टे-मीठे रहे हैं। विशेष रूप से 2023 में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव ला दिया था। अब भारत इस समिट के जरिए संबंधों को पुनर्संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
🇭🇷 18 जून: क्रोएशिया में मोदी का ऐतिहासिक दौरा
18 जून को पीएम मोदी क्रोएशिया पहुंचेंगे, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। वे वहां पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच 1992 से राजनयिक संबंध हैं और अब तक 20 से ज्यादा द्विपक्षीय समझौते हो चुके हैं।
क्रोएशिया भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार बनता जा रहा है। भारत वहां दवाइयां, टेक्सटाइल, मशीनें और ऑटो पार्ट्स निर्यात करता है। वहीं, क्रोएशिया से केमिकल, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी सेवाएं भारत आती हैं।
कुल यात्रा दूरी 27,745 किलोमीटर
पीएम मोदी की यह यात्रा साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया को जोड़ते हुए कुल लगभग 27,745 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह यात्रा ना केवल भारत की वैश्विक छवि को सशक्त बनाने वाली है, बल्कि यूरोप और पश्चिमी देशों के साथ कूटनीतिक रिश्तों में एक नया अध्याय भी जोड़ेगी।