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आपातकाल की 50वीं बरसी पर बोले राकेश शर्मा: कैलाश विजयवर्गीय ने जो कहा, वह सच्चाई का आईना है
Opinion By Rakesh Sharma

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा नेता राकेश शर्मा ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के वक्तव्य को ऐतिहासिक और सत्यनिष्ठ बताते हुए कहा कि "कैलाश जी ने बिल्कुल ठीक कहा कि 25-26 जून 1975 को कांग्रेस ने देश के संविधान की खुलेआम हत्या की थी।" शर्मा ने कहा कि विजयवर्गीय की बात आज की पीढ़ी को सुननी और समझनी चाहिए।
राकेश शर्मा ने कहा, "कैलाश विजयवर्गीय जी ने बिल्कुल सही कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता के लिए आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को कुचल दिया। जिस रात को देश को सोते हुए जेल बना दिया गया, वह भारतीय गणतंत्र का सबसे काला अध्याय बन गया।"
"देशवासियों के अधिकार छीन लिए गए"
शर्मा ने विजयवर्गीय के हवाले से कहा कि इंदिरा गांधी ने 1971 में रायबरेली से लड़ा गया चुनाव जब हाईकोर्ट से रद्द हुआ और उन्हें 6 वर्षों तक चुनाव लड़ने से रोका गया, तब उन्होंने न्यायपालिका के फैसले को न मानते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया।
"कैलाश जी ने बिल्कुल सही कहा — यह आपातकाल नहीं था, बल्कि सत्ता से चिपके रहने की हठधर्मिता थी, जिसकी कीमत करोड़ों भारतवासियों ने चुकाई," शर्मा ने जोड़ा।
"मीडिया पर लगाया गया था ताला"
राकेश शर्मा ने कहा कि "कैलाश जी ने जैसे याद दिलाया, उस दौर में अखबारों की बिजली काट दी गई, लेखन रोका गया और सच्चाई को दबा दिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता कुचल दी गई। क्या आज के कांग्रेस युवराज को यह सब याद नहीं?"
"कई घरों में भूखमरी, मुखिया जेल में"
शर्मा ने आगे कहा कि कैलाश जी ने बिल्कुल सही कहा कि विरोध करने वाले नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया। कई घरों के मुखिया पौने दो साल जेलों में रहे, जिससे घरों में भूखमरी की नौबत आ गई।
"आज जब कांग्रेस के नेता लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, तो उन्हें पहले अपनी पार्टी का वह काला इतिहास देखना चाहिए, जिसे वे मिटा नहीं सकते," शर्मा ने दोहराया।
"नई पीढ़ी को जानना चाहिए सच्चाई"
राकेश शर्मा ने जोर देकर कहा कि कैलाश विजयवर्गीय का बयान युवाओं के लिए एक चेतावनी है। "आज की पीढ़ी को जानना चाहिए कि कांग्रेस ने कैसे लोकतंत्र का गला घोंटा और अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा लगाया।"
उन्होंने कहा कि आपातकाल का नाम सुनकर आज भी कई परिवारों की रूह कांप जाती है। यह वो जख्म है जो देश की स्मृति से कभी नहीं मिटेगा।
"कैलाश विजयवर्गीय जैसे अनुभवी जननेता का यह बयान केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि इतिहास का आईना है," राकेश शर्मा ने कहा। उन्होंने कहा कि "मैं कैलाश जी की बातों का पूर्ण समर्थन करता हूं, और यही आवाज अब देश के हर नागरिक तक पहुंचनी चाहिए।"
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