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सावन में घर ला रहे हैं शिवलिंग? जानिए स्थापना की शुद्ध विधि और जरूरी नियम
Dharm desk

भगवान शिव की आराधना का सबसे पावन महीना सावन इस वर्ष भी भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण वातावरण लेकर आया है। इस दौरान भक्त उपवास, महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक और विशेष पूजा के माध्यम से भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं।
कई श्रद्धालु इस माह में अपने घर में शिवलिंग स्थापित करने का संकल्प भी लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग की स्थापना के कुछ विशिष्ट नियम और विधियां होती हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होता है?
शिवलिंग स्थापना का महत्व
घर में शिवलिंग स्थापित करने से धार्मिक लाभ के साथ-साथ सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह भगवान शिव की कृपा पाने का सरल और प्रभावशाली माध्यम है। मान्यता है कि शिवलिंग की नित्य पूजा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शिवलिंग कई प्रकार के होते हैं — जैसे पार्थिव (मिट्टी के), पारद (पारे के), स्फटिक (क्रिस्टल के), और धातु (तांबा, पीतल आदि)। घर में स्थापित करने के लिए अधिकतम अंगूठे के ऊपरी पोर जितना शिवलिंग उपयुक्त माना जाता है।
शिवलिंग स्थापना की दिशा और स्थान
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उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण): घर में शिवलिंग इसी दिशा में स्थापित करना श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि यह देवताओं का स्थान होता है।
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जलहरी की दिशा: शिवलिंग की जलहरी उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए ताकि अभिषेक का जल सही दिशा में प्रवाहित हो।
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भक्त की दिशा: पूजा करते समय भक्त का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
शिवलिंग स्थापना की विधि
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एक शांत, पवित्र स्थान का चुनाव करें और गंगाजल से उसे शुद्ध करें।
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वहां एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
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"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग को स्थापित करें।
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जलहरी को उत्तर दिशा की ओर रखें।
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प्राण प्रतिष्ठा करें – स्वयं करें या योग्य पंडित से करवाएं।
शिवलिंग पूजन के नियम
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नित्य अभिषेक: जल, दूध, दही, घी, शहद, या गन्ने के रस से करें।
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साफ-सफाई: शिवलिंग और उसके चारों ओर का स्थान स्वच्छ रखें।
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प्रसाद और भोग: फल, मिठाई या पंचामृत चढ़ाएं।
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पवित्र पत्र-पुष्प: बेलपत्र, धतूरा, आक, और शमीपत्र चढ़ाना अत्यंत शुभ होता है।
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मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
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वर्जनाएं: तुलसी पत्र शिव पूजा में वर्जित होता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
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बहुत बड़े आकार का शिवलिंग घर में न रखें।
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घर में एक से अधिक शिवलिंग न स्थापित करें।
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पूजा में श्रद्धा, नियम और पवित्रता का ध्यान रखें।