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मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा, कांग्रेस विधायकों ने किया बहिष्कार
Raipur, CG
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छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को उस समय हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा गिरफ्तारी का मुद्दा सदन में उठा।
विपक्ष ने इसे राजनीतिक दबाव में की गई कार्रवाई बताया और पूरे सत्र से वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने यह कहते हुए सदन से बहिर्गमन किया कि “आज उनके बेटे का जन्मदिन है और इस दिन गिरफ्तारी सरकार के इशारे पर की गई है।” इसके बाद कांग्रेस के सभी विधायक सदन से बाहर चले गए।
धान घोटाला और NGO फंडिंग पर भी घेरा
बहिष्कार से पहले कांग्रेस ने सरकार को धान वितरण, मिलर्स को स्टॉक देने और NGO अनुदान में अनियमितता को लेकर घेरा। भूपेश बघेल ने सरकार से पूछा कि अगर धान केंद्रों से उठा लिया गया है तो “धान गया कहां?” इस पर मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि अधिकांश धान राइस मिलर्स को भेजा जा चुका है।
महासमुंद विधायक चतुरी नंद ने एक NGO ‘फॉर्च्यून फाउंडेशन’ को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में दिखाई गई राशि और मंत्री के उत्तर में अंतर है। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब देते हुए कहा कि यह राशि दो किस्तों में दी गई होगी और इसकी पुष्टि करवाई जाएगी।
DAP की कमी पर गरमाया सदन
DAP खाद की सप्लाई को लेकर पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सवाल दागा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने DAP निजी व्यापारियों को दे दी, जबकि किसानों को इससे वंचित कर दिया गया। कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने DAP की कमी स्वीकार की और कहा कि स्थिति जल्द सुधारी जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी का नाम आते ही कांग्रेस विधायकों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सभी कांग्रेस विधायक गर्भगृह में ही धरने पर बैठ गए, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने उन्हें सदन से निलंबित करने का ऐलान कर दिया।
सरकार बोली: व्यवस्था सुधारेंगे
DAP वितरण को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह 100% खाद केवल सहकारी समितियों के जरिए ही बांटे, न कि निजी हाथों में दे।