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मध्यप्रदेश में गड्ढों पर गरमाई सियासत: जीतू पटवारी बोले- सरकार को डूबकर मर जाना चाहिए, मंत्री ले लें जल समाधि
Bhopal, MP
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मध्यप्रदेश में खस्ताहाल सड़कों को लेकर सियासत चरम पर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “सड़कों के गड्ढों में सरकार को डूबकर मर जाना चाहिए, और यदि शर्म बची हो तो मंत्री जल समाधि ले लें।”
पटवारी ने आरोप लगाया कि सड़कों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और सरकार चहेती कंपनियों को फ़ायदा पहुंचा रही है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने अफसरशाही, रोजगार, सिंहस्थ तैयारियों और भाजपा नेताओं की संपत्ति तक पर सवाल उठाए।
पटवारी के बयान की 7 बड़ी बातें:
1. "गड्ढों में डूब मरना चाहिए सरकार को"
जीतू पटवारी ने सड़कों की बदहाली पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “जनता का पैसा लूटने वाले मंत्री अब यह कह रहे हैं कि जहां सड़क है, वहां गड्ढे भी होंगे! ये स्वीकार्य नहीं है। अब या तो स्थायी समाधान हो या फिर सरकार डूब जाए।”
2. "मंत्रियों की कोई जवाबदेही नहीं"
उन्होंने कहा कि एक भी मंत्री ऐसा नहीं बचा जो भ्रष्टाचार में लिप्त न हो। गड्ढों को लेकर कोई शर्मिंदगी या जवाबदेही नहीं दिख रही है।
3. "सिंहस्थ कार्यों में करप्शन की तैयारी"
पटवारी ने कहा कि सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में सरकार हैदराबाद और गुजरात की चहेती कंपनियों को टेंडर देने की रणनीति बना रही है। “इससे पहले ही घोटाले की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है।”
4. "आईएएस-आईपीएस की संपत्ति का ब्योरा जुटा रहे हैं"
उन्होंने बताया कि कांग्रेस उन अफसरों की संपत्ति का डेटा इकट्ठा कर रही है, जो कथित तौर पर भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अफसर बीजेपी के 'वर्कर' की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
5. "जनसेवकों की भाषा अपमानजनक"
पटवारी ने कहा कि कुछ जिलों के कलेक्टर आम जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। “कोई चांटा मार रहा है, कोई औकात बता रहा है।” अशोकनगर कलेक्टर-एसपी पर विशेष रूप से सवाल उठाए गए।
6. "रोजगार और करप्शन पर श्वेत पत्र लाएगी कांग्रेस"
उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस एक “श्वेत पत्र” तैयार कर रही है जिसमें रोजगार, निवेश, छात्रवृत्ति, आदिवासी जमीन और जल योजनाओं से जुड़े घोटाले उजागर किए जाएंगे।
7. "बीजेपी नेताओं की संपत्ति की जांच होनी चाहिए"
जीतू पटवारी ने कहा कि यदि पार्षदों, मंडल अध्यक्षों और विधायकों की संपत्ति की जांच की जाए, तो “80% नेता जेल जाएंगे।”
पटवारी का सीधा आरोप:
“सरकार सिर्फ नल से जल का सपना दिखा रही है, हकीकत में नल से भ्रष्टाचार बह रहा है। स्मार्ट मीटर भी वसूली का नया तरीका बन गया है। गरीब बच्चों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही, जबकि अफसर और नेता मालामाल हो रहे हैं।”