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जुबेर का जुलूस निकालना पड़ा महंगा, हाईकोर्ट ने पुलिस पर कसी लगाम
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गैंगस्टर जुबेर मौलाना और उसके साथियों का सिर व दाढ़ी-मूंछ मुंडवाकर भोपाल की सड़कों पर जुलूस निकालने वाले पुलिसकर्मियों पर अब कार्रवाई तय है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को मानवाधिकार हनन मानते हुए मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
इस मामले की याचिका जुबेर की पत्नी शमीम बानो ने दायर की थी। उन्होंने अदालत से कहा कि गिरफ्तारी के बाद जुबेर की सार्वजनिक बेइज्जती की गई और धार्मिक आस्था का अपमान भी किया गया, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21, 22 और 25 का उल्लंघन है।
क्या था मामला?
9 मई को भोपाल पुलिस ने जुबेर और उसके तीन साथियों को हथियारों के साथ पकड़ा था। आरोप था कि उन्होंने टीला जमालपुरा और मंगलवारा इलाके में फायरिंग और तोड़फोड़ की थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने न सिर्फ उनका सिर और दाढ़ी-मूंछ मुंडवाई, बल्कि उन्हें सड़कों पर जुलूस के रूप में भी घुमाया।
हालांकि पुलिस का कहना था कि जुबेर ने खुद ही पहचान छिपाने के लिए दाढ़ी और बाल कटवाए, लेकिन याचिकाकर्ता ने इसे झूठा बताया और कहा कि इसे एक "सजा" की तरह किया गया, जो पूरी तरह असंवैधानिक है।
हाईकोर्ट की सख्ती
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशांत चौरसिया ने कोर्ट में तर्क दिया कि गिरफ्तारी के बाद किसी भी व्यक्ति को इस तरह सार्वजनिक रूप से घुमाना न केवल उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह "मानव गरिमा" का भी हनन है। कोर्ट ने इस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए मामले को मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में लाने का आदेश दिया।
जुबेर पर पहले से हैं कई मामले
गैंगस्टर जुबेर मौलाना पर भोपाल और गैरतगंज में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस पर एक बदमाश साद खान पर फायरिंग का आरोप भी है, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हुई थी। पुलिस ने उस पर ₹30,000 का इनाम घोषित कर रखा था।
अब क्या होगा आगे?
मानवाधिकार आयोग इस पूरे मामले की जांच करेगा और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करेगा। यह फैसला पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है कि क्या कानून के नाम पर कोई भी सीमा पार की जा सकती है?