- Hindi News
- राज्य
- छत्तीसगढ़
- स्काई वॉक पर सियासी बयानबाज़ी के बीच मूणत का पलटवार - कांग्रेस को पहले तकनीकी रिपोर्ट पढ़नी चाहिए
स्काई वॉक पर सियासी बयानबाज़ी के बीच मूणत का पलटवार - कांग्रेस को पहले तकनीकी रिपोर्ट पढ़नी चाहिए
Raipur, CG
.jpg)
राजधानी रायपुर में अधूरे पड़े स्काई वॉक प्रोजेक्ट को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं के आरोपों के बीच रायपुर पश्चिम से विधायक और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने प्रेस वार्ता कर विपक्ष पर करारा पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है, इसलिए वे बिना तथ्य के बयानबाज़ी कर रहे हैं। मूणत ने कहा – "कांग्रेस को पहले तकनीकी रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, फिर जनता को गुमराह करने की कोशिश करनी चाहिए।"
8 साल पुराना प्रोजेक्ट, अब नई सरकार ने दिखाई सक्रियता
प्रेस वार्ता में मूणत ने जानकारी दी कि वर्ष 2016-17 में स्काई वॉक के लिए सर्वे कराकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से राय ली गई थी। शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक होते हुए जेल चौक तक स्काई वॉक निर्माण की योजना बनाई गई थी। 17 दिसंबर 2017 को विधिवत काम की शुरुआत भी हो चुकी थी। लेकिन 2018 में कांग्रेस की सरकार आने के बाद काम रुक गया और प्रोजेक्ट को लेकर संदेह के बादल मंडराने लगे।
जांच रिपोर्टों को कांग्रेस ने किया नजरअंदाज
मूणत ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना पर कई जांच समितियां बैठाईं—एक समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा ने की, जबकि दूसरी रिपोर्ट कलेक्टर एस. भारतीदासन के नेतृत्व में तैयार हुई। दोनों रिपोर्टों में स्काई वॉक को पूर्ण करने की सिफारिश की गई थी। बावजूद इसके, कांग्रेस सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
EOW ने दी क्लीनचिट, फिर भी भ्रम फैला रही कांग्रेस – मूणत
राजेश मूणत ने स्पष्ट किया कि इस परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने की थी, और क्लीनचिट दी थी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अब जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने बचा हुआ कार्य पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, तब कांग्रेस नेता भ्रम फैलाने में लगे हैं।
राजनीतिक दृष्टिकोण से विरोध कर रही कांग्रेस – मूणत
मूणत ने कहा कि स्काई वॉक का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा – “कई लोग इसके उपयोग को लेकर सुझाव दे रहे हैं, लेकिन कई नेता सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। अगर कांग्रेस में नैतिकता होती, तो वह रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेती। सच्चाई से भागने वाली कांग्रेस को जनता ने नकारा है और भाजपा के काम की पद्धति पर भरोसा जताया है।”