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दिल्ली MCD में बड़ा सियासी उलटफेर: AAP के 15 पार्षदों ने दिया इस्तीफा, बनाएंगे नया तीसरा मोर्चा
Jagran Desk

दिल्ली की राजनीति में बड़ा भूचाल आया है। नगर निगम (MCD) में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए उसके 15 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले इन पार्षदों ने 'इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी' नाम से एक नए राजनीतिक मोर्चे के गठन की भी घोषणा की है। इस तीसरे मोर्चे का नेतृत्व पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल करेंगे।
पार्टी नेतृत्व से असंतोष, कामकाज पर उठाए सवाल
इस्तीफा देने वाले पार्षदों ने एक संयुक्त प्रेस रिलीज जारी करते हुए आरोप लगाया कि वर्ष 2022 के चुनाव में बहुमत हासिल करने के बावजूद आम आदमी पार्टी निगम को सही तरीके से नहीं चला सकी। उन्होंने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पार्षदों के साथ समन्वय स्थापित करने में विफल रहा और जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। यही कारण है कि वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
ये हैं इस्तीफा देने वाले प्रमुख पार्षद
प्रेस रिलीज में जिन 13 पार्षदों के नाम दर्ज हैं, उनमें शामिल हैं:
हेमचंद गोयल, हिमानी जैन, रुनाक्षी शर्मा, उषा शर्मा, अशोक पांडेय, राखी यादव, साहिब कुमार, राजेश कुमार लाडी, मनीषा, सुमन अनिल राणा, देविंदर कुमार और दिनेश भारद्वाज।
हालांकि मुकेश गोयल के मुताबिक कुल 15 पार्षदों ने इस्तीफा दिया है।
AAP की कमजोर होती पकड़, BJP का बढ़ता प्रभाव
दिल्ली नगर निगम के हालिया आंकड़ों के अनुसार, MCD की कुल 250 सीटों में से अभी 238 पार्षद कार्यरत हैं। 12 सीटें फिलहाल रिक्त हैं। 2022 के निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था, जबकि भाजपा को 104 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं।
अब इस्तीफे के बाद AAP की ताकत घटकर 113 पार्षदों तक पहुंच गई है, जिससे MCD में उसकी स्थिति और कमजोर हो गई है। वहीं भाजपा के पास फिलहाल 117 पार्षद हैं, जो उसे स्पष्ट बढ़त प्रदान करते हैं।
हालिया घटनाएं: BJP की मेयर पद पर मजबूत वापसी
पिछले महीने 25 अप्रैल को हुए मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने बहिष्कार किया था। इसका फायदा भाजपा को मिला और राजा इकबाल सिंह ने 133 वोटों के साथ मेयर पद जीत लिया। जय भगवान यादव डिप्टी मेयर बने। कांग्रेस को केवल 8 वोट मिले थे।
पार्टी बदलने की बढ़ती प्रवृत्ति
AAP के भीतर असंतोष की लहर केवल निगम तक सीमित नहीं रही है।
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1 फरवरी को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले AAP के 8 विधायकों ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
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15 फरवरी को तीन पार्षद – अनीता बसोया, धर्मवीर और निखिल – भी भाजपा में शामिल हो गए थे।
क्या तीसरे मोर्चे से बदलेगी दिल्ली की राजनीति?
अब सवाल यह है कि इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी नामक नए मोर्चे का क्या भविष्य होगा? क्या यह भाजपा और AAP दोनों के लिए चुनौती बन पाएगा या केवल विरोध जताने तक सीमित रहेगा? मुकेश गोयल जैसे अनुभवी नेता के नेतृत्व में यह तीसरा गुट MCD में नयी राजनीतिक बिसात बिछाने की तैयारी में है।