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तहसीलदारों का आंदोलन समाप्त, सरकार से बनी सहमति; डिप्टी कलेक्टर की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी, मिलेंगे वाहन और ड्राइवर
Raipur,C.G
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छत्तीसगढ़ में लंबे समय से 17 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे तहसीलदारों ने अपना आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की है।
28 जुलाई से जारी इस हड़ताल के कारण राजस्व विभाग के कई अहम काम ठप हो गए थे। अब सरकार और तहसीलदार संघ के बीच बनी सहमति के बाद नामांतरण, सीमांकन, और भू-अधिकार अभिलेख जैसे कार्य दोबारा शुरू हो सकेंगे।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के साथ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की बैठक के बाद आंदोलन समाप्ति का निर्णय लिया गया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग शासन की रीढ़ है और अधिकारियों की मांगों पर प्राथमिकता से विचार किया जाएगा। बैठक में राजस्व सचिव, संचालनालय के संचालक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
क्या बनी सहमति?
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डिप्टी कलेक्टर की भर्ती में अब 50% पदोन्नति और 50% सीधी भर्ती का फार्मूला लागू होगा।
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नायब तहसीलदार और तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा देने के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय होगा।
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लंबित पदोन्नतियां और ग्रेड पे से जुड़े मामलों का शीघ्र निपटारा होगा।
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सभी तहसीलों में सरकारी वाहन और ड्राइवर दिए जाएंगे।
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अनुशासनात्मक मामलों में बिना प्रक्रिया के हुए निलंबन की जांच 15 दिन में पूरी की जाएगी।
संघ के नेताओं ने सरकार के सहयोगात्मक रुख की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि समयबद्ध कार्रवाई से सभी लंबित विषयों का समाधान होगा। उन्होंने इस समझौते को संवाद और सहयोग का सफल उदाहरण बताया।
वायरल हुई 'नारियल कलेक्शन' चैट
हड़ताल के दौरान तहसीलदारों के एक वॉट्सऐप ग्रुप की चैट सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें "नारियल" और "किलो" जैसे कोड वर्ड का प्रयोग करते हुए कथित तौर पर पदोन्नति के लिए कलेक्शन की चर्चा हो रही थी। माना जा रहा है कि इन शब्दों का प्रयोग मंत्री और सचिवों तक पहुंचाने वाले कथित 'प्रसाद' के लिए किया गया था।
यह चैट "50-50 ग्रुप" नामक वॉट्सऐप समूह की थी, जिसमें ग्रुप के सदस्य यह भी कहते देखे गए कि यदि तय ‘नारियल’ समय पर नहीं पहुंचा, तो उन्हें दो साल तक जूनियर ही रहना पड़ेगा।