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25 साल बाद फिर पदयात्रा पर निकले शिवराज: कंधे पर उठाया गया, परिवार संग जमकर थिरके; बोले- विकसित भारत के लिए गांवों को बनाना होगा मजबूत
Sehore, MP

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 साल बाद एक बार फिर पदयात्रा का मार्ग चुना है। रविवार को उन्होंने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से ‘विकसित भारत संकल्प पदयात्रा’ की शुरुआत की।
यात्रा के पहले दिन लाड़कुई और भादाकुई गांव पहुंचे शिवराज का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। लोगों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया, फूल बरसाए और ढोल-नगाड़ों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया। इस दौरान शिवराज अपनी पत्नी साधना सिंह, बेटे कार्तिकेय और बहू अमानत के साथ मंच पर थिरकते नजर आए।
शिवराज सिंह ने इस मौके पर कहा, "यह यात्रा केवल पदयात्रा नहीं, बल्कि एक संकल्प है—विकसित भारत के निर्माण का।" उन्होंने कहा कि जब गांव मजबूत होंगे, तभी भारत विकसित बनेगा। इसके लिए सफाई, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण और रोजगार जैसे मुद्दों पर सामूहिक भागीदारी ज़रूरी है।
25 किलोमीटर रोज़, सप्ताह में दो दिन पदयात्रा
उन्होंने बताया कि वह हफ्ते में दो दिन पैदल यात्रा करेंगे और प्रतिदिन करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। यदि यह पहल सफल होती है, तो अन्य नेताओं और अधिकारियों को भी पदयात्रा के लिए प्रेरित किया जाएगा।
लाभार्थियों से संवाद और योजनाओं की समीक्षा
पदयात्रा के पहले दिन शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से संवाद किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वैज्ञानिकों की एक टीम जल्द ही मिट्टी की उर्वरकता की जांच के लिए आएगी, ताकि खेती को और उन्नत बनाया जा सके।
विकसित भारत की परिकल्पना: प्रेम, सम्मान और उन्नति
शिवराज सिंह ने कहा, "विकसित भारत वह होगा जहाँ कोई भूखा न सोए, सभी को रोजगार मिले, महिलाओं का सम्मान हो और शिक्षा तथा स्वास्थ्य की अच्छी व्यवस्था हो।" उन्होंने कहा कि जब एक मंत्री पैदल चलता है, तो लोगों के मन में भी अपने गांव के लिए कुछ करने की भावना जागती है।
कल फिर सीहोर दौरे पर रहेंगे शिवराज
सोमवार को शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वे जल एवं स्वच्छता चौपाल, युवा संसद, महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण जैसे कार्यक्रमों में भाग लेकर शाम को भोपाल लौटेंगे।