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भोपाल-इंदौर का मेट्रोपॉलिटन स्वरूप तय: मध्यप्रदेश में TRU मॉडल से होगा योजनाबद्ध शहरी विकास
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य के दो प्रमुख शहरों भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय ना केवल इन शहरों के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाएगा, बल्कि पूरे प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को नई दिशा देगा।
NCR जैसी असफलताओं से सीख, अब TRU मॉडल पर फोकस
भारत में 1989 में NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) का विकास एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, लेकिन आज, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बेतरतीब विस्तार, प्रदूषण और यातायात जाम जैसी समस्याएं इस असंगठित योजना की असफलता को दिखाती हैं। इसी अनुभव से सबक लेते हुए मध्यप्रदेश TRU (Transformative Regional Urbanism) मॉडल को अपनाकर योजना आधारित और मानव-केंद्रित शहरी विकास की ओर अग्रसर है।
TRU मॉडल: शहरी-ग्रामीण संतुलन का आधुनिक समाधान
'रीथिंकिंग अर्बनिज्म' के मूल विचार से निकला TRU मॉडल वर्षों के शोध और क्षेत्रीय अनुभव पर आधारित है। इसे नीति आयोग और शहरी मंत्रालय के उच्च स्तरीय कार्य समूह का समर्थन प्राप्त है। इस मॉडल की खास बात है कि यह सीमित संसाधनों में पर्यावरण, भूमि और मानव संसाधन के संतुलन के साथ शहरी और ग्रामीण विकास को एकीकृत करता है।
कम लागत, कम समय और अधिक लाभ
TRU आधारित मेट्रोपॉलिटन विकास के तहत:
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भूमि उपयोग न्यूनतम होगा
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परियोजना की लागत और समय में कमी आएगी
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रोजगार और आय के नए अवसर बनेंगे
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पर्यावरण के प्रति जवाबदेही बनी रहेगी
इन सबके साथ, भोपाल और इंदौर दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों की प्रतिस्पर्धा में खड़े हो सकेंगे।
ग्वालियर-जबलपुर भी बनें मेगा सिटी का हिस्सा
TRU टीम का मानना है कि न्यायपूर्ण विकास के लिए ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर जैसे शहरों को भी मेट्रो सिटी की परिभाषा में लाया जाए। एक करोड़ जनसंख्या पर केंद्रित योजनाएं इन शहरों को भी आत्मनिर्भर और उन्नत बना सकती हैं।
TRU को मिला वैश्विक समर्थन, चीन-अमेरिका तक पहुँचा मॉडल
TRU मॉडल की संकल्पना पर आधारित पुस्तक जब अंतरराष्ट्रीय शोध और अध्ययन के लिए कई देशों की प्रतिष्ठित लाइब्रेरीज़ में भेजी गई, तो वहां के नीति-निर्माताओं और शहरी नियोजकों ने भी इस सोच को अपनाना शुरू कर दिया। चीन और अमेरिका जैसे देश अब इस सोच पर काम कर रहे हैं।