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रायसेन के निजी स्कूल में 'क से काबा', 'म से मस्जिद' पढ़ाने पर विवाद; विद्यार्थी परिषद ने जताया विरोध, मान्यता रद्द करने की मांग
Raisen, MP

जिले के एक निजी स्कूल में नर्सरी के छात्रों को पढ़ाई जा रही एक किताब की सामग्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। किताब में 'क से काबा', 'म से मस्जिद', 'न से नमाज' और 'औ से औरत हिजाब में थी' जैसे शब्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद और अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन में इस शैक्षणिक सामग्री को सनातन संस्कृति के खिलाफ बताते हुए कार्रवाई की मांग की गई।
परिजनों को आपत्ति, परिषद को दी जानकारी
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब एक छात्रा के चाचा ने उसकी किताब में 'औ से औरत हिजाब में थी' देखा। इसके बाद उन्होंने बाकी शब्दों पर भी गौर किया, जिसमें 'क से कबूतर' की जगह 'क से काबा' और 'म से मछली' की जगह 'म से मस्जिद' लिखा था। परिजनों को यह आपत्तिजनक लगा और उन्होंने छात्र नेता शुभम उपाध्याय के माध्यम से विद्यार्थी परिषद को इस बारे में सूचित किया।
हिंदू संस्कृति को लेकर उठे सवाल
विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अश्विनी पटेल ने इसे हिंदू परंपरा के खिलाफ एक साजिश बताया। उन्होंने कहा कि मासूम बच्चों को ऐसी सामग्री पढ़ाकर भ्रमित किया जा रहा है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह परिवर्तन सोच-समझकर किया गया है, ताकि सांस्कृतिक पहचान को कमजोर किया जा सके।
स्कूल प्रबंधन की सफाई
स्कूल की प्राचार्य ईए कुरैशी ने स्वीकार किया कि किताब की सामग्री की उन्होंने पूर्व जांच नहीं की थी। उन्होंने बताया कि यह किताब भोपाल से मंगवाई गई थी और केवल एक छात्र के उपयोग के लिए थी। कुरैशी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं थी और वे बीते 30 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
बयान से और बढ़ा मामला
प्राचार्य के इस कथन कि ‘म से मस्जिद के साथ म से मंदिर भी पढ़ाया जा सकता है’, पर कार्यकर्ता और अधिक आक्रोशित हो गए। परिषद के प्रतिनिधियों ने इसे हल्के में न लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को फोन पर शिकायत दर्ज कराई और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की।
पुलिस की मौजूदगी में शांत हुआ मामला
स्थिति को बिगड़ता देख कोतवाली थाना प्रभारी नरेंद्र गोयल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से औपचारिक शिकायत करने की अपील की। पुलिस की समझाइश के बाद प्रदर्शन शांत हुआ और कार्यकर्ताओं ने थाने तथा शिक्षा विभाग में आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू की।