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जीतू पटवारी ने CM मोहन यादव से मांगा जवाब, मंत्री विजय शाह और देवड़ा को बर्खास्त करने की मांग
Bhopal, MP

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को कठघरे में खड़ा करते हुए पांच गंभीर सवाल पूछे हैं।
ऐतिहासिक नगरी इंदौर से प्रेसवार्ता कर पटवारी ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली, सेना के सम्मान, पुलिस की निष्पक्षता और पत्रकारों की सुरक्षा पर तीखे सवाल दागे। उन्होंने मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सरकार देश की सेना और संविधान की गरिमा के साथ खिलवाड़ कर रही है।
सेना के अपमान पर चुप्पी क्यों?
पटवारी ने सवाल उठाया कि कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए “आतंकवादी की बहन” जैसे अपमानजनक बयान और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा सेना को "प्रधानमंत्री के चरणों में नतमस्तक" कहे जाने के बाद भी सरकार ने अब तक कोई कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की। पटवारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने मंत्री के बयान को "गटरछाप" और सुप्रीम कोर्ट ने “शर्मनाक” बताया, इसके बावजूद सरकार की चुप्पी समझ से परे है।
न्यायपालिका की टिप्पणियों के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं?
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अदालतों ने FIR में की गई लापरवाहियों और पुलिस की निष्पक्षता पर गंभीर टिप्पणियाँ की हैं। इसके बाद भी सरकार की ओर से न तो पारदर्शिता दिखाई दी और न ही किसी स्तर पर जवाबदेही तय हुई।
मंत्रिमंडल पर नियंत्रण क्यों नहीं?
पटवारी ने सवाल किया कि बार-बार विवादित बयान देने वाले मंत्रियों पर सरकार नियंत्रण क्यों नहीं रख पा रही है। विजय शाह और देवड़ा जैसे वरिष्ठ नेताओं के बयान सरकार की साख और संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
पुलिस में सुधार कब?
पटवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने प्रदेश की पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं गृह विभाग संभाल रहे हैं, फिर भी पुलिस व्यवस्था में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हो रहा। उन्होंने पूछा कि क्या अब राज्य को एक पूर्णकालिक और जवाबदेह गृहमंत्री की जरूरत है?
पत्रकारों की सुरक्षा पर भी सवाल
पत्रकारों पर हमलों को लेकर भी पटवारी ने सरकार को घेरा। उन्होंने भिंड में पत्रकारों पर हुए हमले, भोपाल में की गई प्रशासनिक कार्रवाइयों और मुख्यमंत्री द्वारा माइक हटाने जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रेस की स्वतंत्रता खतरे में है।