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ट्रांसफॉर्मर नहीं तो चक्काजाम! श्योपुर-मुरैना हाईवे पर 20 गांवों के ग्रामीणों का आक्रोश
Sheopur, MP

जिले के टर्राकला फाटक के पास बुधवार दोपहर करीब 12 बजे श्योपुर-मुरैना हाईवे पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब करीब 20 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने ट्रांसफॉर्मर की मांग को लेकर चक्काजाम कर दिया। प्रदर्शन के चलते हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात घंटों प्रभावित रहा।
तीन महीने से नहीं सुनी गई किसानों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने तीन महीने पहले बिजली कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर ट्रांसफॉर्मर लगाने की मांग की थी, ताकि खेतों में सिंचाई का कार्य बिना बाधा जारी रह सके। ग्रामीण 1 जुलाई को कलेक्टर से भी मिले, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीण धर्मवीर रावत और ओमप्रकाश रावत ने बताया कि अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन दिए, कार्रवाई कुछ भी नहीं की। ऐसे में बार-बार उपेक्षा झेल रहे ग्रामीणों को आखिरकार सड़क पर उतरना पड़ा।
बिजली नहीं, तो सिंचाई नहीं – फसल संकट में
प्रदर्शन कर रहे संतोष शर्मा और दिनेश शर्मा जैसे किसानों ने बताया कि धान की बुआई का मौसम चल रहा है, और बिजली नहीं होने के कारण सिंचाई कार्य पूरी तरह ठप है। यदि अब भी समय पर ट्रांसफॉर्मर नहीं लगाए गए, तो फसल बर्बादी तय है।
10 दिन में समाधान का वादा, तब जाकर खुला जाम
चक्काजाम की सूचना मिलते ही जेई सुरेंद्र मिश्रा और रघुनाथपुर थाना प्रभारी धर्मेंद्र मालवीय मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने 10 दिन के भीतर ट्रांसफॉर्मर की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया।
हालांकि ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 10 दिन बाद भी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।