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बसंत पंचमी :उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में बच्चों का विद्यारंभ संस्कार, भगवान श्रीकृष्ण ने यहां सीखी थीं 64 कलाएं
Ujjain, MP

बसंत पंचमी के मौके पर उज्जैन में भगवान कृष्ण की शिक्षास्थली सांदीपनि आश्रम में विद्यारंभ संस्कार हुआ. आश्रम में भगवान की विशेष पूजा अर्चना हुई.
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर उज्जैन के प्रसिद्ध गुरु सांदीपनि आश्रम में बच्चों का विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुआ. देशभर से श्रद्धालु अपने बच्चों को इस धार्मिक संस्कार में शामिल कराने पहुंचे. वहीं, महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की भस्म आरती के दौरान उन्हें पीले वस्त्र धारण कराए गए और विशेष पूजन किया गया.
सांदीपनि आश्रम में हुआ पाटी पूजन
उज्जैन के मंगलनाथ रोड स्थित गुरु सांदीपनि आश्रम, जहां भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा ने शिक्षा प्राप्त की थी. वहां विद्यारंभ संस्कार के अंतर्गत छोटे बच्चों से "श्री गणेशाय नमः" और "श्री सरस्वत्यै नमः" मंत्र लिखवाए गए. पं. रूपम व्यास ने बताया कि, ''यह संस्कार 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है, जिसमें बच्चों को पहली बार शिक्षा ग्रहण करने की परंपरा सिखाई जाती है. आश्रम में विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा की प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया.''
भगवान श्रीकृष्ण ने सीखी थीं 64 कलाएं
पं. व्यास ने बताया कि, ''शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने गुरु सांदीपनि से 64 दिनों में 64 कलाएं सीखी थीं. इस दौरान उन्होंने कालगणना का भी अध्ययन किया. जिसके प्रतीक स्वरूप आज भी आश्रम में मौली (कलावा) रखी हुई है.'' बता दें कि गुरुपूर्णिमा के अवसर पर भी सांदीपनि आश्रम में इसी तरह का आयोजन होता है, जिसमें नन्हें बच्चों को संस्कार और शिक्षा की दीक्षा दी जाती है.

महाकाल की भस्म आरती में विशेष श्रृंगार
महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में श्री महाकालेश्वर भगवान को बसंत पंचमी के अवसर पर पीले वस्त्र धारण करवाये गए और पीले बसंत के पुष्प अर्पित किये गये. साथ ही केसरिया भात व मिष्ठानों का भोग लगाया गया. सायं आरती में भगवान को पीले बसंत के पुष्पों के साथ-साथ फाग उत्सव के प्रारंभ में प्रतीकात्मक रूप से गुलाल भी अर्पित किया जाएगा.