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साध्वी लक्ष्मीदास गिरफ्तार: मृत महंत का वारिस बन मंदिर की रकम उड़ाई, एक साल से थी फरार
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कनकधाम मंदिर से जुड़ी 90 लाख रुपए की धोखाधड़ी मामले में फरार चल रही रीना रघुवंशी उर्फ साध्वी लक्ष्मीदास को पुलिस ने आखिरकार पकड़ लिया है।
चौरई पुलिस ने सोमवार देर शाम उसे नर्मदापुरम जिले के चांदपुर गांव से गिरफ्तार किया। साध्वी पर आरोप है कि उसने महंत कनकबिहारी दास की मृत्यु के बाद खुद को उनका उत्तराधिकारी बताकर मंदिर समिति के बैंक अकाउंट से 90 लाख रुपए निकाल लिए।
बिना नॉमिनी के खाते से करोड़ों की हेराफेरी
स्वर्गीय महंत कनकबिहारी दास ने जीवनकाल में राम मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपए का चंदा दिया था। उनके निधन के बाद मंदिर के खाते में जमा 90 लाख रुपए रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। मंदिर के वर्तमान महंत श्याम दास महाराज का दावा है कि महंत ने जीते जी उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया था। जबकि साध्वी लक्ष्मीदास ने कथित रूप से महंत का मोबाइल नंबर री-इश्यू कराकर बैंकिंग नियंत्रण हासिल कर लिया और पैसे निकाल लिए।
2010 में दीक्षा, 2020 में बदला नाम
रीना ने 2010 में दीक्षा लेने का दावा किया, लेकिन उसने औपचारिक रूप से 2020 में नाम बदलकर साध्वी लक्ष्मीदास किया। अपने पुराने जीवन में रीना, विदिशा जिले के खेजड़ा तिला गांव से सरपंच का चुनाव भी लड़ चुकी है। शादी के कुछ महीने बाद उसने विवाह विच्छेद कर लिया और आध्यात्मिक जीवन को अपनाने की बात कही।
गांववालों की सजगता से खुला मामला
90 लाख की ट्रांजेक्शन की खबर तब सामने आई जब रीना एसबीआई चौरई ब्रांच में कुछ लेन-देन करने पहुंची। वहां उसे पहचान लिया गया और इसकी जानकारी ग्रामीणों ने मंदिर समिति को दी। इसके बाद 12 जुलाई 2024 को FIR दर्ज की गई।
महंत कनकबिहारी की श्रद्धा और योगदान
महंत कनकबिहारी दास का छिंदवाड़ा स्थित कनकधाम में गहरा प्रभाव रहा है। वे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 1.11 करोड़ का चेक दे चुके थे और रघुवंशी समाज से 111 करोड़ रुपए का संकल्प भी ले चुके थे। 2023 में एक सड़क हादसे में उनका निधन हुआ था।