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एमपी में तहसीलदारों का ‘नो वर्क’ आंदोलन शुरू, बोले- हड़ताल नहीं, लोकतांत्रिक विरोध है
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मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सरकार के न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों के नए विभाजन के विरोध में 6 अगस्त से राजस्व से जुड़े सभी कार्यों से खुद को अलग कर लिया है।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे हड़ताल पर नहीं हैं और न ही किसी प्रकार के अवकाश पर हैं। अधिकारी अब केवल आपदा प्रबंधन और आपात सेवाओं तक ही अपनी जिम्मेदारियों को सीमित रखेंगे।
क्या है विवाद का कारण?
तहसीलदार संघ का कहना है कि शासन ने न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों का जो नया बंटवारा किया है, उससे राजस्व विभाग की आधी से अधिक व्यवस्था चरमरा गई है। अधिकारी आरोप लगा रहे हैं कि इस निर्णय से बड़ी संख्या में तहसीलदारों को उनके मूल कार्यों से वंचित कर दिया गया है।
जनता पर असर साफ
इस आंदोलन का सीधा असर आम नागरिकों पर देखने को मिल रहा है। प्रदेश भर में नामांतरण, सीमांकन, जाति और आय प्रमाणपत्र, फसल क्षति मुआवजा जैसे जरूरी कार्य पूरी तरह रुक गए हैं। सरकारी कार्यालयों में कामकाज लगभग ठप हो गया है।
डोंगल और वाहन लौटाए, ग्रुप छोड़े
राज्यभर के तहसीलदारों ने अपने सरकारी वाहन और डिजिटल सिग्नेचर के डोंगल जमा कर दिए हैं। साथ ही, सभी अधिकारी अपने जिलों के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ चुके हैं। इस आंदोलन को पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक बताया जा रहा है।
“काम नहीं करेंगे, पर यह हड़ताल नहीं”
तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का यह निर्णय पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने दोहराया कि यह कोई हड़ताल नहीं बल्कि एक शांतिपूर्ण विरोध है, जिसमें केवल आपदा प्रबंधन को अपवाद रखा गया है। उनका कहना है कि सरकार जब तक यह फैसला वापस नहीं लेती, तब तक वे नियमित राजस्व कार्यों से दूरी बनाए रखेंगे।
संघ की बैठक में लिए गए निर्णय
3 अगस्त को हुई प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 6 अगस्त से सभी अधिकारी जिला मुख्यालयों में मौजूद रहेंगे, लेकिन केवल आपदा प्रबंधन के अलावा किसी भी अन्य राजस्व कार्य में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके अलावा हर शाम 6 बजे सभी अधिकारी अपनी संयुक्त उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
सरकार पर दबाव बढ़ा
सरकार पर अब यह दबाव बन गया है कि वह या तो अधिकारियों की मांगों पर विचार करे या फिर प्रदेशभर में राजस्व व्यवस्था ठप होने की स्थिति से निपटने का कोई वैकल्पिक उपाय निकाले।
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