- Hindi News
- टॉप न्यूज़
- भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का ब्रेकथ्रू — हिमालय की छाती चीरती ‘शक्ति’
भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का ब्रेकथ्रू — हिमालय की छाती चीरती ‘शक्ति’
JAGRAN DESK

16 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय रेलवे और उत्तराखंड के लिए एक सुनहरे अध्याय की शुरुआत लेकर आया।
देश की सबसे लंबी रेल सुरंग — टनल नंबर 8 (14.57 किमी) — का पहला ब्रेकथ्रू सफलता के साथ पूरा कर लिया गया। यह उपलब्धि ऋषिकेश–कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना के अंतर्गत सौड से जनासू के बीच हासिल हुई।
🚄 टनल नंबर-8, लंबाई 14.57 किमी — बनी भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग
🛤️ ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का ऐतिहासिक मील का पत्थर
🔧 जर्मन TBM 'शक्ति' ने किया चमत्कार, TBM 'शिवा' भी जल्द देगी सफलता की दस्तक
📅 16 अप्रैल 2025 — भारत में रेल की पहली यात्रा की वर्षगांठ पर ऐतिहासिक उपलब्धि
🚧 'शक्ति' ने रचा इतिहास
इस अभूतपूर्व कार्य को अंजाम दिया जर्मनी निर्मित टनल बोरिंग मशीन (TBM) 'शक्ति' ने। इस TBM ने हिमालय के जटिल और खतरनाक भूगोल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए मुख्य सुरंग की अंतिम परत को भेदा और ब्रेकथ्रू को सफल बनाया।
एक अन्य TBM 'शिवा' द्वारा समानांतर सुरंग का कार्य अभी प्रगति पर है, जिसका ब्रेकथ्रू जुलाई 2025 तक संभावित है।
🎉 'वंदे मातरम्' के नारों से गूंजा जनासू छोर
जैसे ही सुरंग की आखिरी परत टूटी, सुरंग के भीतर और बाहर मौजूद इंजीनियरों, मजदूरों और अधिकारियों में उल्लास की लहर दौड़ गई। "वंदे मातरम्" और तालियों की गूंज के बीच सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर इस ऐतिहासिक सफलता का जश्न मनाया।
🛤️ परियोजना का महत्व — देवभूमि की रफ्तार बढ़ेगी
125 किमी लंबी यह ब्रॉड गेज रेल परियोजना देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग को जोड़ते हुए उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में संपर्क, पर्यटन और आर्थिक विकास को गति देगी।
इस मार्ग का 83% हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरता है, जिससे यह तकनीकी रूप से अत्यंत चुनौतीपूर्ण मानी जाती है।
🗣️ रेल मंत्री ने की सराहना
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सांसद अनिल बलूनी ने स्वयं जनासू स्थल पर मौजूद रहकर इस कार्य की प्रगति की समीक्षा की। रेल मंत्री ने निर्माण टीम की दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रतिबद्धता और तकनीकी कौशल की सराहना की।
🏗️ इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना और संकल्प का प्रतीक
यह ब्रेकथ्रू न सिर्फ एक सुरंग की सफलता है, बल्कि यह भारत सरकार की दूरस्थ क्षेत्रों को आधुनिक कनेक्टिविटी से जोड़ने की मजबूत नीति का प्रमाण भी है। एक तरफ जहां रेल नेटवर्क हिमालय के दिल में पहुंच रहा है, वहीं दूसरी तरफ यह परियोजना हिमालयी क्षेत्र के लोगों के जीवन में नए अवसर और विकास लाने वाली साबित होगी।
🔚 निष्कर्ष:
टनल नंबर 8 का यह ब्रेकथ्रू भारत की रेलवे इंजीनियरिंग के इतिहास में एक नया कीर्तिमान है। यह भविष्य में पर्यटन, रक्षा, व्यापार और स्थानीय जीवन को नई दिशा देगा। यह सिर्फ एक सुरंग नहीं, बल्कि नई पीढ़ियों के लिए उम्मीद की रेखा है — जो पहाड़ों को भी जोड़ती है।