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विदेश मंत्रालय का ट्रंप को करारा जवाब: कश्मीर पर तीसरे पक्ष की दखलंदाजी अस्वीकार्य, सीजफायर में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं
Jagran Desk

भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दो बयानों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश और भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर अमेरिकी हस्तक्षेप का दावा किया था। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इस पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा, “भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है — जम्मू-कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय है और इसे केवल भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा। इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती।” उन्होंने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान को पहले पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करना होगा।
सीजफायर पर ट्रंप के व्यापार धमकी वाले बयान को भी नकारा
ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं से कहा कि अगर दोनों देश युद्धविराम पर सहमत होते हैं, तो अमेरिका उन्हें व्यापार में सहायता देगा, अन्यथा कोई व्यापार नहीं किया जाएगा। इसके बाद, दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए।
इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “7 मई से 10 मई के बीच चल रही सैन्य कार्रवाइयों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के बीच सैन्य हालात पर चर्चा जरूर हुई थी, लेकिन किसी भी बातचीत में व्यापार का कोई मुद्दा नहीं उठा। यह दावा पूरी तरह आधारहीन है।”
TRF को आतंकवादी घोषित करने की कवायद तेज
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत सरकार द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकवादी संगठन घोषित कराने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक संगठन है और हमारे पास इसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। “हमने UNSC की मॉनिटरिंग कमेटी को TRF को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है और जल्द ही हमें जवाब मिलने की उम्मीद है।”
पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में भारी नुकसान
जायसवाल ने बताया कि हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान हर बार की तरह इस बार भी जंग हारकर ढोल बजा रहा है। सैटेलाइट चित्र इस बात का सबूत हैं कि पाकिस्तान को इस कार्रवाई में कितनी क्षति हुई है।”
BSF जवान की रिहाई को लेकर डिफेंस मंत्रालय सक्रिय
पाकिस्तान की हिरासत में फंसे BSF कॉन्स्टेबल बीके साहू के संबंध में पूछे गए सवाल पर जायसवाल ने कहा कि उनके पास इस विषय में ताजा जानकारी नहीं है, लेकिन रक्षा मंत्रालय इस दिशा में लगातार काम कर रहा है।
बांग्लादेश के हालात पर चिंता जाहिर
भारत ने बांग्लादेश में लोकतंत्र पर पड़ रहे असर को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। जायसवाल ने कहा, “बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने और राजनीतिक गतिविधियों को सीमित करने के प्रयास लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध हैं। भारत चाहता है कि वहां निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराए जाएं।”